देश में बारिश की शुरुआत होते ही इस वर्ष मॉनसून की स्थिति काफी अच्छी दिखाई दे रही थी ऐसा लग रहा था की किसानों के लिए इस साल बारिश किसी वरदान से कम साबित नहीं होगी... लेकिन पूर्वि और पूर्वोत्तर इलाकों के साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगा के गंगा वाले इलाके, और असम व मेघालय मे 17 जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक सामान्य से 20 से 40 प्रतिशत कम बारिश हुई है... हांलाकि इनमें से उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में मॉनसून जोर पकड़ रहा है और आगे यह संभावना बन रही है की अगले सप्ताह और अगस्त के पहले सप्ताह में बारिश हो सकती है लेकिन अब भी सामान्य से कम बारिश का डर बना हुआ है...
वहीं बारिश में अगर 40 प्रतिशत से ज्यादा की कमी आता है तो यह चिंता का विषय बन सकता है... इसके साथ ही अगर देखें तो जिन राज्यों में जलस्तर उपर है वहां तो किसी भी प्रकार की समस्या होने की संभावना कम है... सबसे प्रमुख बात यह है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल खरीफ फसलों की एम एस पी को बढ़ाकर देढ़ गुणा कर दिया है और जिन राज्यों में कम बारिश के आसार बने हुए हैं वहां खरीफ फसलों की खेती प्रमुख हैं... इसके साथ ही अगर आंकड़ों की बात करें तो 13 जुलाई तक के आंकड़ों के अनुसार देश में धान की बुआई का रकबा सामान्य से 10.35 प्रतिशत कम रहा है जो कि पिछले साल की तुलना में 8.04 प्रतिशत कम है...
अगर आईएमडी की 17 जुलाई तक की जारी आंकड़ों के अनुसार बात करें तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 43 प्रतिशत, पूर्वी उत्तर प्रदेश में 46 प्रतिशत, बिहार में 44 प्रतिशत, झारखंड में 40 प्रतिशत, मेघालय में 24 प्रतिशत और अरुणाचल प्रदेश में सामान्य से 32 प्रतिशत कम बारिश हुई है...
कृषि जागरण स्टॉफ
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