मध्य प्रदेश के बाबई, बांद्राभान से लेकर नर्मदापुरम के किसानों को मंडी में फसल को बेचने पर कई परेशानियों का सामना करना पड़ा है. दरअसल, होशंगाबाद जिले के इटारसी की मंडी में फसल की कीमत अच्छी होने पर नर्मदापुरम सहित कई क्षेत्र के किसान अपनी फसल को यहाँ बेचने आ गए, लेकिन इस दौरान मंडी में मजदूर द्वारा की गई हड़ताल की वजह से दूर से आये किसानों को करीब 4 घंटे तक परेशानियाँ का सामना करना पड़ा है.
बताया जाता है कि होशंगाबाद जिले के इटारसी क्षेत्र की मंडी में फसल की कीमत अच्छी होने के कारण यहाँ कई राज्यों के व्यापारी फसल बेचने आ रहे थे, लेकिन इस बीच हमालों (मजूदरों) ने मंडी में कृषि उपज के रेट को बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल कर दी थी. इस दौरान किसानों को काफी परेशान होना पड़ा है.
वहीं, राज्य के एसडीएम और भारसाधक अधिकारी एमएस रघुवंशी को हड़ताल की जानकरी मिलते ही व्यापारी और हमालों की संयुक्त बैठक की. जिसमें उन्होंने उपज के रेट बढ़ाने पर अपनी सहमति जताई है.
क्या है पूरा मामला (What Is The Whole Matter)
दरअसल, कोरोना के चलते हमालों को मंडी में अच्छे भाव ने मिलने की वजह से आर्थिक तंगी से काफी परेशान होना पड़ रहा था. ऐसे में उन्होंने अपनी मजदूरी के रेट बढ़ाने को लेकर मांग की थी. जिसमें उन्होंने मांग पूरी न होने तक हड़ताल करने का निर्णय लिया था.
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कृषि उपज बिक्री देर रात तक चली (Agricultural Produce Sale Lasted Till Late Night)
इटारसी की कृषि उपज मंडी में किसानों को गेहूं खरीदी का उचित भाव मिल रहा है. इस वजह से इटारसी के निजी व्यापारी के साथ – साथ बाबई, बांद्रभान से भी व्यापारी अपनी फसल को बेचने के लिए आ रहे हैं. मिली सूचना के अनुसार, अब तक गेहूं की 25 हजार बोरी की बिक्री हो चुकी है.
वहीँ सभी व्यापारियों का कहना है कि हड़ताल की वजह से हमे काफी देर तक परेशान जरुर होना पड़ा लेकिन उपज के ऊँचे दाम होंबे की वजह से हमें अपनी उपजा के दाम काफी अच्छे प्राप्त हुए इससे हमें काफी ख़ुशी है.
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