कश्मीर में धारा 144 लागू होने के बाद चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है. घाटी में इस समय व्यापार पूरी तरह से ठप हैं. सबसे ज्यादा असर कपड़े एवं सब्जियों के आयात-निर्यात पर पड़ा रहा है. खबरों की माने तो भारी चैकिंग एवं CRPF की 40 कंपनियों की तैनाती के बाद जम्मू-कश्मीर का मौहल गंभीर है. ऐसे में व्यापारी अपना माल वहां भेजने में डर रहे हैं.
इस बारे में सब्जी व्यापारियों का कहना है कि निर्यात रोकने की पहली वजह यह है कि वहां जाने वाले हर वाहन की अलग-अलग तरीके से जांच हो रही है. चैकिंग के दौरान पैकिंग को खोला जाता है, जिसके बाद उस माल को बेचना अपने आप में टेढ़ी खीर है. वहीं दूसरी तरफ घाटी के हालात नाजुक होने के कारण किसी भी समय कोई अप्रिय घटना घटने के की स्थिति बनी हुई है.
बता दें कि करगिल के बाद पहली बार कश्मीर के हालात बन रहे बन रहे हैं. हालांकि अभी तक यह नहीं पता लग सका है कि यहां क्या होने वाला है, लेकिन यूनिवर्सिटियों में होने वाली परीक्षाएं रद्द कर दी गई है. एक ही दिन में 7000 से अधिक यात्री वहां से वापस आ गए हैं. वहीं देर रात से ही प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ-साथ उमर अब्दुल्ला और सज्जाद लोन को नजरबंद रखा गया है.
हालांकि निर्यात ठप होने से भारी घाटे के बाद भी व्यापारी इस समय कश्मीर को लेकर एकजूट हैं. इस बारे में एक बड़े व्यापारी ने बात करते हुए कहा कि कश्नीर के हालात तो मुख्य रूप से गंभीर ही रहते हैं और वहां से व्यापार करना आसान नहीं होता. लेकिन इस समय सरकार कोई हल निकालने के लिए प्रयासित आभास प्रतित होती है. ऐसे में हम देशहीत में घाटा सहने को तैयार हैं.
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