मौसम विभाग अलग-अलग राज्यों के किसानों के लिए आए दिन अनुकूल कृषि संबंधी एडवाइजरी जारी करता है. ऐसे में हम आपको इस लेख में बिहार के लिए जारी एग्रोमेट एडवाइजरी के बारे में बताने जा रहे हैं. बिहार मौसम विभाग द्वारा जारी ये एडवाइजरी 13 जुलाई तक मान्य है. आइए इस एग्रोमेट एडवाइजरी की जरूरी बातें जानते हैं...
बिहार के किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
बिहार के किसान अब अपनी कृषि संबंधी समस्याओं का सीधा समाधान कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक समूह के टोल फ्री नंबर 1800 1232 175 पर कॉल करके प्राप्त कर सकते हैं.
मौसम की चेतावनी (Weather Summary/Alert)
आईएमडी के पांच दिनों के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ-साथ हल्की बारिश की भी संभावना है. आगामी सप्ताह के दौरान मुख्य रूप से बादल छाए रहने की संभावना है. अधिकतम और न्यूनतम तापमान लगभग अगले पांच दिनों में क्रमश: 37.0-38.0 और 28.0-29.0 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. इस सप्ताह के दौरान सुबह का आरएच लगभग 60-70% और दोपहर का आरएच लगभग 30-40% होने की उम्मीद है. भविष्यवाणी की गई है कि दक्षिण पूर्व दिशा में 15 किमी/घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी.
सामान्य सलाह(General Advisory)
जो किसान एंड्रायड मोबाइल का उप्रयोग कर रहे हैं उन्हें गरज और बिजली के बारे में जल्दी अलर्ट के लिए दामिनी एप डाउनलोड करने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही मौसम आधारित कृषि-सलाह के लिए मेघदूत ऐप को डाउनलोड करने की सलाह दी जाती है.
इस मौसम में पशुओं के लिए हरे चारे की उपलब्धता के लिए नेपियर घास की बुवाई करने की सलाह दी जाती है. वहीं, अगर पानी उपलब्ध हो तो बीन, ग्वार, लोबिया आदि बोने की सलाह दी जाती है. किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी गायों और भैंसों को एचएस और बीक्यू रोगों और बकरी को पीपीआर के खिलाफ टीकाकरण करें.
प्रमुख खरीफ फसलों की फसल की जानकारी और फसल की अवस्था (Crop information and Crop Stages of the major Kharif crops)
चावल नर्सरी (Rice Nursery)
धान की नर्सरी के लिए धान की किस्में जैसे राजेंद्र श्वेता, सहभागी, सीता, राजेंद्र सुभाषिनी, पीएच.बी.-71 आदि और ऊपरी जमीन के लिए (प्रारंभिक परिपक्व किस्में) प्रभात, धनलक्ष्मी, साकेत-4, तात्या, राजेंद्र भगवती आदि लगाकर जल्द से जल्द पौधशाला समाप्त करें. लंबी अवधि के धान की रोपाई के लिए खेतों की मेड़ तैयार कर लें. प्रत्यारोपण के दौरान 25 किलो जिंक सल्फेट को 30 किलो नाइट्रोजन, 60 किलो स्पर और 30 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर के साथ उपचारित करें.
अरहर दाल (Pigeon pea Farm preparation)
अरहर की बिजाई के लिए खेत को ऐसी ऊंची जमीन पर तैयार करना शुरू कर दें, जहां पानी का ठहराव हो. इसके लिए अरहर पूसा-9, मालवीय चमत्कार, नरेंद्र अरहर-1, बहार और राजेंद्र अरहर-1 आदि उन्नत किस्मों में से एक को चुनें. इसके लिए एक एकड़ भूमि के लिए 8 किलो बीज की आवश्यकता होती है. बुवाई के समय 40 किलो डीएपी, 13 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश और 10 किलो जिंक सल्फेट प्रति एकड़ लगाएं.
खरीफ मक्का (Kharif Maize Farm preparation)
इसके लिए दो गहरी जुताई करें और पाटा चलाएं. बुवाई से पहले विघटित गाय का गोबर या खाद से 10-15 टन प्रति हेक्टेयर उपचारित करें. इसके लिए मक्का की प्रमुख किस्में शक्तिमान-1, प-3377, डाकल्प-9144, गंगा-11, देवकी आदि को केवल प्रमाणित स्त्रोत से ही खरीदें.
तिल की बुवाई (Sesame Sowing)
अच्छी जल निकास वाली भूमि में तिल की खेती करना उचित होता है. एक जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से और 2-3 जुताई कल्टीवेटर से करें. बीज जनित रोगों से बचाव के लिए 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम प्रति किग्रा. बीज दर पर शुद्धिकरण के लिए प्रयोग करें. इसके बुवाई के लिए सबसे अच्छा समय जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई के दूसरे पखवाड़े तक है. मिट्टी के परीक्षण के आधार पर उर्वरकों का प्रयोग करें.
सब्जियों की बुवाई (Vegetables Sowing)
कद्दू नेनुआ, खीरा, भिंडी आदि जैसी खरीफ मौसम की सब्जियां लगाने के लिए मौसम अनुकूल है. इसके लिए किसान मिट्टी परीक्षण के आधार पर खाद का प्रयोग करें. अगर मिट्टी परीक्षण किसी वजह से नहीं कर पा रहे हैं, तो 20-25 टन गाय के सड़ी गोबर का प्रयोग करें. इसके साथ ही 60 किलो नाइट्रोजन, 50 किलो फॉस्फोरस और 40 किलो sfur प्रति हेक्टेयर प्रयोग करें.
आम (Filling the pit of Mango)
आम का गड्ढा भरना वर्तमान समय में फलों के पेड़ लगाने के लिए उपयुक्त है. इस महीने आम, लीची आदि लगाने के लिए खोदे गए गड्ढे को भरने का कार्य पूरा करें. इसमें मिट्टी के साथ खाद, उर्वरक और थाइमेट की अनुशंसित मात्रा दें. इसके बाद में नर्सरी से लिए लाए गए नए पौधे लगाएं.
चारे की बुवाई (Fodder Sowing)
वर्तमान मौसम की स्थिति को देखते हुए खरीफ चारे (सूडान,
मक्का, ज्वार, बाजरा आदि) फसलों की बुवाई शुरू कर दें.
पशु (Livestock)
पशुओं को भूसी, चोकर, केक (सरसों, चायी), नमक, हरा, सूखा चारा मिश्रण के साथ दे. पशुधन किसानों को अपने पशुओं को वर्षा जल-जमाव से बचाना चाहिए. इस समय पशुओं में खुर, मुंह के रोग और कृमि के संक्रमण बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है, इसलिए इसके रोकथाम के लिए पशुओं को पशु चिकित्सकों की सलाह से दवा और कृमिनाशक का प्रयोग करना चाहिए.
मौसम पूर्वानुमान के आधार पर कृषि सलाह (AGRICULTURAL ADVISORY BASED ON WEATHER FORECAST)
नोट- कोरोना (कोविड-19) वायरस फैलने के खतरे को देखते हुए किसानों को सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करने, व्यक्तिगत स्वच्छता, मास्क का उपयोग करने, हाथ धोने की सलाह दी जाती है. कटाई और अन्य कृषि कार्यों के दौरान सामाजिक दूरी और उचित अंतराल पर साबुन से हाथ धोने की सलाह दी जाती है.
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