इंदौर, भारत की G-20 सम्मेलन के तहत कृषि कार्य समूह (AWG) की पहली कृषि प्रतिनिधि बैठक की मेजबानी 13-15 फरवरी 2023 तक कर रहा है. इंदौर में चल रहे इस G-20 सम्मेलन की प्रथम बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई अहम जानकारी देते हुए खुद को किसान बताया है. ऐसे में चलिए शिवराज सिंह चौहान द्वारा कृषि के उपलक्ष्य में कही महत्वपूर्ण बातों पर एक नजर डालते हैं.
खाद्य सुरक्षा में भारत और मध्यप्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आज दुनिया में खाद्य सुरक्षा सबसे जरूरी है. वर्ष 2030 तक दुनिया की खाद्य आवश्यकता 345 मिलियन टन हो जाएगी. दुनिया की खाद्य सुरक्षा में भारत और भारत में मध्यप्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान होगा. आज भारत स्वयं के साथ ही विश्व की खाद्यान आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है. अकेले मध्यप्रदेश ने इस वर्ष 21 लाख मीट्रिक टन गेहूं का आयात किया है. पिछले 18 वर्षों में मध्यप्रदेश में बुआई रकबे एवं उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. प्रदेश में 18 वर्ष पहले बुआई रकबा 199 लाख हेक्टेयर था, जो आज बढ़ कर 299 लाख हेक्टेयर हो गया है, वहीं उत्पादन 169 लाख मीट्रिक टन से बढ़ कर 619 मीट्रिक टन हो गया है.
मोटा अनाज को लेकर कही ये बड़ी बातें
मुख्यमंत्री चौहान ने कि कहा इस वर्ष भारत मोटा अनाज वर्ष मना रहा है. दुनिया में आज मोटे अनाज की मांग तेजी से बढ़ रही है. कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा, रागी जैसे मोटे अनाज प्राकृतिक खेती से आसानी से हो जाते हैं और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं. प्रदेश में बड़ी मात्रा में मोटा अनाज होता है. हम मोटे अनाज की राजधानी हैं. प्रदेश में मिलेट मिशन भी चलाया जा रहा है.
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मैं स्वयं भी एक किसान हूं- मुख्यमंत्री चौहान
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं स्वयं भी एक किसान हूं. मैंने अपनी आजीविका का निर्वहन कृषि गतिविधियों से करने का प्रण लिया है. भारत में कृषि को श्रेष्ठतम कार्य माना गया है. भारत में बड़ी संख्या में लोग आज भी कृषि कार्य में लगे हैं. मैं स्वयं भी माह में एक बार अपने खेत पर जरुर जाता हूं और खेती में नवाचार का प्रयास भी करता हूं.
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