1. Home
  2. ख़बरें

Import Duty on Palm Oil: रिफाइंड पामोलिन/पाम तेल में 15% शुल्क की होगी वृद्धि, जानें इसके पीछे की वजह

लोगों को एक बार फिर से खाने के तेल की कीमत बढ़ने का डर सताने लगा है. क्योंकि आज सुबह रिफाइंड पामोलिन/पाम तेल को लेकर बड़ी अपडेट दी गई है. जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि देश में खाद्य तेल की कीमत आम लोगों की जेब खाली कर सकती है.

लोकेश निरवाल
फिर से महंगा हो जाएगा खाने का तेल!
फिर से महंगा हो जाएगा खाने का तेल!

नवंबर महीने के अंत में आम लोगों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल आज सुबह खाने के तेल को लेकर आम लोगों को झटका दिया गया है. जहां एक तरफ तेल की कीमतों से देश की जनता को राहत दिलाने को लेकर सरकार आए दिन कुछ ना कुछ फैसले लेती रहती हैं. तो वहीं दूसरी तरफ इनकी बढ़ती कीमतों में कुछ अधिक फर्क देखने को नहीं मिलता है.

महंगाई के इसी दौर में खाद्य तेल उद्योग संगठन एसईए (SEA) ने भारत सरकार से रिफाइंड पाम तेल (Refined Palm Oil) पर आयात शुल्क बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का अनुरोध किया है, जो कि वर्तमान समय में 12.5 प्रतिशत पर बना हुआ है.

तेल की इस परेशानी को लेकर सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) ने घरेलू रिफाइनरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि कच्चा पाम तेल (CPO) और रिफाइंड पाम ऑयल (पामोलीन) के बीच शुल्क में 7.5 प्रतिशत तक का अंतर है, जिसके चलते यह रिफाइंड पाम ऑयल (पामोलीन) का अधिक से अधिक आयात किया जा रहा है.

जानें क्यों है कीमत बढ़ाने की जरूरत

तेल की कीमत बढ़ाने को एसईए के अध्यक्ष अजय झुनझुनवाला और एशियन पाम ऑयल एलायंस (APOA) के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी के द्वारा एक हस्ताक्षरित पत्र लिखा गया था, जिसमें बताया गया है कि देश में लगभग 7.5 प्रतिशत तक का कम शुल्क अंतर इंडोनेशियाई और मलेशिया के खाद्य तेल प्रसंस्करण उद्योग के लिए बेहद लाभदायक है. इसी कारण इसके प्रतिशत में बढ़ोतरी करने की जरूरत है.

देश में सीपीओ और रिफाइंड पामोलिन/पाम तेल के मौजूद अंतर में कम से कम 15 प्रतिशत तक शुल्क में वृद्धि कर देना चाहिए और साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आरबीडी पामोलिन शुल्क को भी 20 प्रतिशत तक किया जाना चाहिए.

देश में खाद्य तेल की कीमत पर असर नहीं पड़ेगा

तेल के मौजूदा अंतर में बढ़ोतरी करने के फैसले को लेकर अब लोगों में डर बना हुआ है कि कहीं इसका असर देश की आम जनता पर तो नहीं पड़ने वाला है, लेकिन लोगों के इस डर को दूर करने के लिए एसईए ने आश्वासन दिया कि तेल के इन अंतरों के चलते देश में कुल आयात प्रभावित नहीं होगा और साथ ही साथ इसका असर खाद्य तेल मुद्रास्फीति पर भी नहीं होगा.

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में 13.34 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद, 2803 करोड़ रुपये की राशि का हुआ भुगतान

 बल्कि उनका यह कहना है कि इस बदलाव के कारण भारत में क्षमता उपयोग और रोजगार सृजन के नए रास्ते बनेंगे. 

English Summary: Import Duty on Palm Oil There will be an increase of 15% in refined palmolein / palm oil Published on: 25 November 2022, 02:28 PM IST

Like this article?

Hey! I am लोकेश निरवाल . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News