यह तो हम सब जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी माना जाता है. हमारे देश में कृषि सिंधु घाटी सभ्यता के समय से की जाती आ रही है लेकिन चीन से फैले कोरोना वायरस ने भारतीय कृषि पर भी प्रभाव डाला है. चीन दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक और आयातक देश कहा जाता है. इसका दुनिया के कुल निर्यात में 13 फीसद और कुल आयात में 11 फीसदी हिस्सा है लेकिन इस वायरस के फैलने की वजह से 500 मिलियन लोगों पर इसका असर देखने को मिल रहा है, जिससे चीजों की खपत पर बुरी तरह से प्रभाव पड़ा है. इसके साथ ही चीन की तेल खपत के 30 फीसदी तक गिरने का भी अनुमान लगाया जा रहा है.
आयात–निर्यात प्रभावित
कोरोना वायरस के प्रभाव के कारण भारतीय कंपनियां जो चीन से ज्यादातर उत्पाद मंगाती हैं या फिर भारत से चीनी सामान का निर्यात करवाती हैं, उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि हमारा देश आयात के मामले में चीन की वस्तुओं के लिए काफी हद तक निर्भर है.
वहीं, निर्यात की बात करें, तो कोरोना वायरस के चलते प्लास्टिक्स, ऑर्गेनिक केमिकल्स, फिश प्रोडक्ट्स, कॉटन और अयस्क जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर इसका काफी प्रभाव पड़ा है. इस वायरस से कच्चे माल के निर्यात में 1.6 प्रतिशत की गिरावट रिकॉर्ड की गयी है. भारत द्वारा निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में जूट, ऑर्गेनिक कैमिकल, कपास, औषधि व बागवानी उत्पाद, फल, सोयाबीन, मक्का आदि शामिल हैं.
आयात की दृष्टिकोण से देखा जाये तो चीन से कई तरह के कृषि उत्पादों का आयात किया जाता है जैसे कच्चा मांस, चमड़ा , सुती कपड़े, तेल, समुंद्री उत्पाद आदि परंतु कोरोना वायरस के कारण इन उत्पादों पर भारी मात्रा में निर्यात कम हो गया है.
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