आई.आई.एल. फाउंडेशन जो कि इंसेक्टीसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड द्वारा समाज कल्याण (सीएसआर) के लिए बनाया गया एक विंग है, ने सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर बुधवार को हस्ताक्षर किए. जिसका उद्देश्य किसान को फसल सुरक्षा और पोषण के विषय में आधुनिक जानकारी उपलब्ध करवाना है. एमओयू पर हस्ताक्षर समारोह सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विख्यात मेरठ परिसर में गन्ना परिचर्चा के लिए आयोजित एक किसान सम्मेलन के दौरान हुआ.
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि देश के प्रख्यात गन्ना विशेषज्ञ पद्मश्री सम्मानित डॉ. बक्शी राम थे, जो पूर्व निदेशक, गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयम्बत्तूर हैं. यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. के.के. सिंह और एम.के. सिंघल, वाइस प्रेसीडेंट इसेक्टिसाइडस (इंडिया) लिमिटेड ने हस्ताक्षर किए हैं. कार्यक्रम में डॉ. रामजी सिंह, रजिस्ट्रार, डॉ. पी.के. सिंह, निदेशक प्रसार, संजय सिंह, सीनियर जनरल मैनेजर, आईआईएल आदि गणमान्य अतिथियों ने लगभग 300 से अधिक किसानों के साथ हिस्सा लिया.
कार्यकम के मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. बक्शी राम, पूर्व निदेशक, गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयम्बत्तूर द्वारा सम्बोधन में गन्ना उत्पादन हेतु विभिन्न पहलुओं जैसे सिंचाई, उर्वरक प्रबन्धन, गन्ना सहफसली खेती एवं ट्रेंच विधि से गन्ना उत्पादन आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा की. कार्यक्रम में डॉ. के.के सिंह कुलपति सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा अध्यक्षीय सम्बोधन में बताया कि आज के कार्यकम में पद्मश्री डॉ. बक्शी राम जी, पूर्व निदेशक, गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयम्बत्तूर की उपस्थिति से विश्वविद्यालय गौरवान्वित हैं.
प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने हेतु पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादन की मुख्य भूमिका हैं. जनपद मुजफ्फरनगर एवं शामली के किसानों द्वारा रिकॉर्ड उत्पादन भी किया जा रहा हैं. एम. के सिंघल, वाईस प्रेसीडेंट, आई.आई.एल. द्वारा कम्पनी के उत्पादों एवं गन्ना उत्पादन में कम्पनी की भूमिका पर विस्तृत चर्चा की तथा बताया कि किसानों की आय बढ़ाने हेतु विश्वविद्यालय कार्यक्षेत्र के कृषि विज्ञान केन्द्र सहारनपुर एवं शामली जनपदों हेतु समझौता हस्ताक्षर किया गया. इसके फलस्वरूप आगामी तीन वर्षो में सहारनपुर एवं शामली जनपदों में कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों के साथ कार्य किया जाएगा.
संजय सिंह, सीनियर जनरल मैनेजर, आई.आई.एल. द्वारा बुवाई से कटाई तक गन्नो के प्रबंधन पर विस्तृत रूप से चर्चा की. इस अवसर पर जनपद बुलन्दशहर, सहारनपुर, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, मुरादाबाद, सम्भल, शामली एवं अमरोहा के कृषकों को गन्ना उत्पादन में उत्कृष्ट योगदान हेतु सम्मानित भी किया गया. तकनीकी सत्र में डॉ. विकास कुमार, वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र बागपत ने गन्ना उत्पादन में गन्ना रोग प्रबन्धन एवं डॉ. एस.एस ढ़ाका, वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र शामली ने गन्ना उत्पादन में गन्ना कीट प्रबन्धन पर विस्तृत चर्चा की एवं उपस्थित कृषकों की समस्याओं एवं जिज्ञासाओं का निराकरण भी किया.
आई. आई. एल. फाउंडेशन ने 2022 में भी विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता किया था, जहां पर आईआईएल फांउडेशन कृषि विज्ञान केंद्र हापुड़ के साथ मिल कर किसानों को फसल सुरक्षा एवं पोषण के बारे में जानकारी प्रदान कर रही है और अब तक 1200 से भी अधिक किसानों ने इसका लाभ उठाया है. डॉ. पी.के सिंह, निदेशक प्रसार, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने आई.आई.एल. फाउंडेशन की इस पहल का स्वागत किया, जिससे साथ मिलकर अधिक से अधिक किसानों को खेती द्वारा आय बढ़ाने की नवीनतक तकनीक के बारे में जानकारी पहुंचाने का कार्य का विस्तृत कार्य किया जाएगा. वैज्ञानिकों द्वारा दी गई जानकारियों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए ग्रीन टीवी ने भी कार्यक्रम में सहभागिता करी.
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