कृषि को बढ़ावा देने के लिए हर तरह की कोशिश की जा रही है और नये प्रयोगों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. ऐसे में इफको (IFFCO) ने 14 नवंबर तक अपने कलोल संयंत्र (Kalol Plant) से नैनो यूरिया की 1 करोड़ से अधिक बोतलों का रिकॉर्ड उत्पादन किया है.
इफको के एमडी डॉ यू एस अवस्थी ने ट्वीट करते हुए कहा कि, "आज पूरे इफको परिवार को एक बड़े दिन के लिए हार्दिक बधाई क्योंकि हमने इफको नैनो यूरिया की बोतलों का 1 करोड़ से अधिक उत्पादन पार कर लिया है और यह टीम द्वारा किया गया एक शानदार काम साबित हुआ है".
अवस्थी को उनके नेतृत्व के लिए धन्यवाद देते हुए, नैनो यूरिया (Nano Urea) के वैज्ञानिक रमेश रलिया ने कहा, "यह आपके द्वारा दी गई प्रतिबद्धता, समर्थन और प्रेरणा के टीम वर्क मंत्र और नेतृत्व के साथ संभव था. हम आपके सम्मानित नेतृत्व में किसानों और हमारी धरती माता की सेवा करने के अवसर के लिए बहुत आभारी हैं.”
भारत का दबदबा (India's dominance)
यह स्मरणीय है कि भारत ने श्रीलंका में दूषित चीन उर्वरकों के उपयोग को छोड़कर 100,000 किलोग्राम नैनो नाइट्रोजन उर्वरक श्रीलंका को भेजा था. बैक्टीरिया से दूषित पाए जाने के बाद श्रीलंका ने चीन जैविक उर्वरक को उतारने से रोक दिया था.
IAF के दो C-17 ग्लोबमास्टर विमान पिछले सप्ताह 100,000 किलोग्राम इफको नैनो नाइट्रोजन के साथ श्रीलंका के बंदरानाइक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे. इसका उद्देश्य श्रीलंका सरकार को बिना किसी देरी के अपने किसानों को नैनो नाइट्रोजन उर्वरक की आपूर्ति करने में मदद करना था.
IFFCO स्थापित करेगा नए प्लांट्स (IFFCO to set up new plants)
इफको ने कई अन्य देशों में नैनो संयंत्र (Nano Urea) स्थापित करने का निर्णय लेने के साथ नैनो की वैश्विक पहुंच का विस्तार किया है. इफको कोपरर, कोऑपरेटिव कन्फेडरेशन ऑफ अर्जेंटीना और आईएनएईएस के साथ साझेदारी में अर्जेंटीना में नैनो यूरिया लिक्विड मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करेगा.
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एक रिपोर्ट के अनुसार, इफको के एमडी डॉ यू एस अवस्थी ने कहा कि उनका अगला लक्ष्य नैनो डीएपी का उत्पादन करना है. जानकार सूत्रों ने बताया कि नैनो डीएपी उत्पादन से संबंधित कागजात जहां उर्वरक मंत्रालय को पहले ही सौंपे जा चुके हैं, वहीं इफको जमीनी स्तर पर बुनियादी तैयारियां करने में जुटा है.
किसानों को होगा फायदा (Farmers will get benefit)
अवस्थी ने कहा, "सरकार से आगे बढ़ने का संकेत मिलने के बाद हमें खरोंच से शुरू करने की आवश्यकता नहीं है", अवस्थी ने जोर देकर कहा कि नैनो डीएपी किसानों को जल्द से जल्द उपलब्ध कराया जाएगा ताकि उनको किसानी में मदद मिल सके और उत्पादन अधिक से अधिक हो सके.
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