ग्रेटर नोएडा, 15 सितंबर, 2022: केंद्र सरकार ने आज आईडीएफ विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन 2022 (IDF World Dairy Summit 2022) में बताया कि भारत कृषि, डेयरी एवं उत्सर्जन की वजह से पर्यावरण पर विपरीत प्रभावों को कम करने के विश्वस्तरीय प्रयासों में योगदान देने में अग्रणी भूमिका निभाएगा.
गौरतलब है कि दुनिया के कुल दुग्ध उत्पादन में तकरीबन एक चौथाई योगदान भारत का है, देश में मवेशियों की आबादी भी सबसे अधिक है. आईडीएफ वर्ल्ड डेयरी समिट 2022 के दौरान ‘पर्यावरण पर प्रभाव कम करने के लिए स्थायी डेयरी’ विषय पर सत्र को सम्बोधित करते हुए पीयूष गोयल, उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण के केन्द्रीय मंत्री, भारत सरकार ने कहा कि दुनिया में डेयरी का सबसे बड़ा उत्पादक होने के नाते हमें इस दिशा में सबसे ज़्यादा योगदान देना है. दूध का तकरीबन एक चौथाई उत्पादन भारत में ही होता है.
भारत सरकार सहकारिता क्षेत्र एवं किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. मुझे विश्वास है कि आने वाले सालों में विश्वस्तरीय उत्पादन में भारत का योगदान और अधिक बढ़ेगा. जो छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जिनके पास लगभग 2-3 मवेशी होते हैं और ये मवेशी उनके लिए अतिरिक्त आय एवं पोषण उपलब्ध कराते हैं. ‘जब हम गुणवत्ता के मानकों और स्थायित्व की बात करते हैं, भारत दुनिया के साथ कदम-से-कदम मिलाकर आगे बढ़ना चाहता है. हम कृषि, डेयरी या उत्सर्जन की वजह से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करने के विश्वस्तरीय प्रयासों में योगदान देना चाहते हैं.’’
उन्होंने सुझाव दिया कि इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन को भारत में एक टीम बनानी चाहिए, जो देश के विभिन्न हिस्सों में जलवायु का अध्ययन करे और इन्हें ध्यान में रखते हुए जलवायु परिवर्तन के व्यवहारिक समाधान खोजे, जो छोटे किसानों के लिए भी प्रासंगिक हों. गोयल ने कहा ,‘‘अगले 25 सालों में, हम 75 सालों से आगे बढ़कर 100 सालों की यात्रा पूरी करेंगे, हम एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में प्रतिबद्ध हैं, एक ऐसा देश जहां देश भर में 1.3 बिलियन लोग समृद्ध हों. इन 1.3 बिलियन में से तकरीबन 70 मिलियन किसान हैं, खासतौर पर छोटे एवं सीमांत किसान जिनके पास 2-3 एकड़ ज़मीन और 2-3 दुधारू मवेशी होते हैं.’’
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भारतीय किसान अपने मवेशियों की पूजा करते हैं. गोयल ने कहा कि जहां तक जलवायु परिवर्तन के समाधानों का सवाल है, विकसित दुनिया इसमें पूरी तरह से असफल रही है. ‘हम इतना बड़ा देश हैं, लेकिन हम सीएचजी में मात्र 3 फीसदी योगदान दे रहे हैं.’’ गोयल ने किसानों के योगदान की सराहना की और इस दृष्टिकोण के साथ दो सीमांत किसानों को सम्मानित भी किया. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में किए जाने वाले प्रयासों एवं सभी गतिविधियों में छोटे और सीमांत किसानों पर ध्यान देना सबसे ज़रूरी है.
सत्र की अध्यक्षता केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने की. इस अवसर पर आईडीएफ के अध्यक्ष पियरक्रिस्टियानो ब्राज़ेल और महानिदेशक मिस कैरोलीन एडमंड (Mr. Piercristiano Brazalle and Director General Ms. Caroline Emond) भी मौजूद थीं.
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