भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) आज अपना 95वां स्थापना और प्रौद्योगिकी दिवस मना रहा है. इसको लेकर नई दिल्ली में एनएएससी कॉम्प्लेक्स के डॉ. सी. सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम में 16 से 18 जुलाई तक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. जिसका उद्घाटन केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला करेंगे. बता दें कि आईसीएआर एक स्वायत्तशासी संस्था है. जो भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अंतर्गत कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के अधिन है.
इस दिन हुई थी इस संस्था की स्थापना
16 जुलाई, 1929 को स्थापित इस संस्था का नाम पहले इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च था. भारत में बागवानी, मात्स्यिकी और पशु विज्ञान सहित कृषि के क्षेत्र में समन्वयन, मार्गदर्शन और अनुसंधान प्रबंधन व शिक्षा के लिए यह परिषद सर्वोच्च निकाय है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने देश में हरित क्रांति लाने और उसके बाद कृषि में निरंतर विकास में अपने अनुसंधान व प्रौद्योगिकी विकास ने जबरदस्त भूमिका निभाई है.
स्थापना दिवस के मौके पर प्रदर्शनी का आयोजन
स्थापना दिवस के मौके पर सभागार में टेक्नॉलजी एग्जहिबिशन और उद्योग इंटरफेस आकर्षण का प्रमुख केंद्र होगा. इसमें कृषि उत्पादन, गुणवत्ता और किसानों की आय बढ़ाने के नजरिए से विभिन्न आईसीएआर संस्थानों द्वारा विकसित नई टेक्नॉलजी को प्रदर्शित किया जाएगा. इनके अलावा, चावल, गेहूं, मक्का, दालें, तिलहन, बाजरा और अन्य वाणिज्यिक फसलों के लिए पर्यावरण-अनुकूल प्रौद्योगिकियों को भी प्रदर्शनी में प्रमुखता दी जाएगी. इस मौके पर कृषि मशीनीकरण, सटीक खेती और मूल्य वर्धित उत्पादों पर भी ध्यान दिया जाएगा. कृषि के सफल प्रचार के लिए आईसीएआर की शिक्षा प्रणाली में मजबूत विस्तार प्रणाली और नवाचार को प्रदर्शित किया जाएगा.
इसके अलावा, सभागार में आयोजित एग्जीबिशन में पशु विज्ञान, मुर्गीपालन और मत्स्य पालन के लिए हाल ही में विकसित प्रौद्योगिकियों का भी प्रदर्शन किया जाएगा. स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित हो रहे कार्यक्रम की झलकियों को आप तस्वीर में देख सकते हैं. फोटो में साफ तौर से यह दिख रहा है कि आईसीएआर के स्थापना दिवस के मौके पर केंद्रीय मंत्री सहित कई बड़े-बड़े अधिकारी सभागार में मंच पर मौजूद हैं. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी व परषोत्तम रूपाला ने किसानों व वैज्ञानिक को पुरस्कार से सम्मानित किया. इसके अलावा, ICAR ने कई बड़ी कंपनियों के साथ MOU भी साइन किया.
मंच को संबोधित करते हुए इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री रूपाला ने कहा कि पशुपालन हमारे जीवन का बड़ा हिस्सा है. खेती का लाभ ही गाय से है. इसके लिए हमें वैज्ञानिक की मदद लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसान पहले से ही अपने यहां बगीचा लगाते हैं. वो भी बिना कार्बन के जो बहुत ही मुश्किल होता है, इस काम के लिए लोगों को अधिक खर्च करना पड़ता है. वहीं, मंत्री ने इस कार्यक्रम में लगे इवेंट के स्टॉल का भी दौरा किया. इसमें कई तरह की नई तकनीक के स्टॉल लगे थे. इसके अलावा, कैलाश चौधरी ने कहा कि पीएम मोदी के आने के बाद से देश की GDP में काफी बढ़ोतरी हुई है. इसमें किसान और वैज्ञानिकों का पूरा सहयोग है. हमें एक दूसरे के साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा. हम सब को देश की नई तकनीक को और आगे ले जाना होगा और नई तकनीकों से भी कहीं अधिक तकनीक को लाना होगा. उन्होंने आगे यह भी कहा कि देश के किसानों को जागरूक होने की काफी जरूरत है. किसानों को एक साथ संगठित होना होगा. ICAR के ऊपर किसानों को काफी भरोसा है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर वर्चुअल रूप से जुड़े और किसनों व कृषि वैज्ञानिक को इस अवसर की बधाई दी और कहा कि किसानों को वैज्ञानिक की मदद से प्रकृति खेती करने पर अधिक जोर दिया चाहिए.
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