जहां एक तरफ कोरोना वायरस के कहर से देश परेशान है, वहीं बिहार राज्य के एकमात्र अनानास उत्पादक क्षेत्र ठाकुरगंज के किसानों की कमर टूटती जा रही है. दिन-रात मेहनत करके तैयार की गई अनानास की फसल बेचने में किसान असमर्थ हैं.
बता दें, ठाकुरगंज में लगभग 5,000 हेक्टेयर भूमि पर अनानास की खेती होती है. अनानास उत्पादन में 100 से ज्यादा किसान व हजारों खेतिहर मजदूर प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं. इस क्षेत्र में फलों की बिक्री के लिए एक मात्र मंडी विधाननगर में है. जो पश्चिम बंगाल के सीमा से सटी हुई है. बता दें, लॉकडाउन के चलते अनानास खरीद करने वाले व्यापारी मंडी नहीं पहुंच रहे हैं. क्षेत्र के सखुआडाली, कुकुरबाघी, भातगांव, पथरिया, बेसरबाटी, चुरली, कनकपुर, पटेशरी आदि पंचायतों में लगभग 5000 हेक्टेयर भूमि में उत्पादित अनानास के किसानों को वाहन परमिट नहीं मिला है. यही कारण है कि यहां के किसान अनानास बजार नहीं पहुंचा पा रहे हैं. अब किसानों का अनानास खेत में ही पक रहे हैं, यदि एक सप्ताह के भीतर खेत से अनानास फल को नहीं निकाला गया तो फल पक कर खेत में ही नष्ट हो जाएंगे.
ठाकुरगंज क्षेत्र के अनानास उत्पादक किसान आलोक लाहिड़ी, जयप्रकाश सिंह, वासुदेव प्रसाद सिंह, सुबोध शंकर सिंह, अरुण सिंह, प्रमोद कुमार साह, अनिल साह, महेंद्र साह आदि का कहना है कि कोरोना के चलते दिल्ली, वाराणसी, कानपुर, लखनऊ, कोलकाता, मेरठ आदि स्थानों के व्यापारी यहां नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिस कारण विधाननगर मंडी सूनी पड़ी हुई है. बता दें, इस क्षेत्र का अनानास देश के कोने-कोने तक पहुंचता है. लेकिन हालात ये हैं कि किसानों के अनानास खेतों में ही सड़ रहे हैं.
किसानों का कहना है कि जिला प्रशासन और राज्य सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए जिससे व्यापारी मंडी में आकर अनानास की खरीद कर बाहर ले जा सकें. फिलहाल अभी अनानास जैसे फलों के भण्डारण के लिए जिले में कोई व्यवस्था भी नहीं है. इस स्थिति में लगभग 5,000 हेक्टेयर जमीन के अनानास जमीन पर ही सड़ जाएंगे.
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