हरियाणा सरकार ने राज्य में कृषि एवं बागवानी उत्पादों के खराब न होने के लिए नीति बनाई है। इस दौरान सरकार एग्री-बिजनेस एवं फूड पॉलिसी के तहत राज्य में कृषि उद्दमियों की संख्या बढ़ाएगी। गौरतलब है कि राज्य के उद्दोग मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्दोगों को बढ़ावा मिल सकेगा। इस योजना के तहत लगभग 3500 करोड़ से 20 हजार रोजगार पैदा किए जा सकेंगे।
बताते चलें कि इस प्रकार की नीति के अनुसार फूड वैल्यू चेन को बढ़ावा मिलेगा। जिससे न केवल उत्पादक बल्कि उत्पाद के खरीददार भी आसानी से जुड़ सकेंगे। उद्दोग मंत्री गोयल के मुताबिक बेरोजगार युवकों को इस नीति के माध्यम से आसानी से रोजगार ढूंढने में मदद मिलेगी। जाहिर है कि सब्जी, फल एलं मछलीपालन उत्पादन को खराब न होने की दिशा में कार्य करने के लिए आने वाले पांच सालों में प्रसंस्करण को दस प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि इस प्रकार की प्रसंस्करण नीति में बाजार शुल्क में छूट, खाद्य सामग्रियों का मूल्य संवर्धन के साथ-साथ कोल्ड चेन एवं मिनी फूड पार्क स्थापित कर उत्पादक संगठनों को सशक्त करने की दिशा में कार्य किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त उत्पादक संगठनों के द्वारा उद्दमिता का विकास संभव होगा। सरकार ने ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर प्रदान करने का तरीका ढूंढा है।
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