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Beekeeping: मधुमक्खी पालन से टपक रहा समृद्धि का शहद

हरियाणा के झज्जर के उन्नत किसान मुकेश देवी की पहल महिला किसानों उद्यमियों के लिए एक मिसाल है! मलिकपुर गांव की मुकेश देवी ने मधुमक्खी पालन कर जहां अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है! वहीं 30 व्यक्तियों को रोजगार मुहैया करा रही है!

KJ Staff
मुकेश देवी महिला किसानों उद्यमियों के लिए एक मिसाल
मुकेश देवी महिला किसानों उद्यमियों के लिए एक मिसाल

हरियाणा के झज्जर के उन्नत किसान मुकेश देवी की पहल महिला किसानों उद्यमियों के लिए एक मिसाल है. मलिकपुर गांव की मुकेश देवी ने मधुमक्खी पालन कर जहां अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है. वहीं 30 व्यक्तियों को रोजगार मुहैया करा रही है. उन्होंने साबित कर दिखाया है कि परंपरागत खेती के साथ-साथ यदि अन्य विकल्पों का भी समुचित दोहन किया जाए तो उन्नति के नए आयाम गढ़े जा सकते हैं.

मुकेश देवी आज एक सफल किसान और व्यवसायी हैं. मधुमक्खी पालन को उन्होंने मुनाफे का सौदा साबित कर दिखाया है. वह शहद से निर्मित अनेक उप्ताद बाजार में उतार चुकी हैं. इससे उनकी सालाना आमद 70 लाख रूपये तक पहुंत गई है. नवाज़ी गई राष्ट्रीय पुरस्कार से: मुकेश देवी को प्रदेश में पहली बार काॅम्ब हनी (प्राकृतिक मधुकोष में संचित शहद) उत्पाद तैयार करने के लिए पूसा कृषि अनुसंधान केन्द्र द्वारा वर्ष 2016 में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. पति जगपाल सिंह फोगाट भी अब उनका हाथ बंटाते हैं. इनके शहद उत्पाद दिल्ली, हरियाण, गुजरात सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों में फ्रेश हनी ब्रांड के नाम से बेचे जा रहे हैं. मुकेश देवी का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2001 में तीस बाॅक्स से मधुमक्खी पालन शुरू किया था और पीछे मुड़ कर नहीं देखा. अब वे 2000 बाॅक्स में मधुमक्खी पालन कर रही हैं.

पांच राज्यों से एकत्रित की जाती है शहद

मुकेश देवी समय और मौसम के हिसाब से विभिन्न राज्यों में मधुमक्खियों के बाॅक्स भेज कर हर साल 600 से 700 क्विंटल शहद एकत्रित करती हैं. जैविक शहद के लिए वन क्षेत्र में बाॅक्स भेजे जाते हैं. तुलसी हनी के लिए अक्टूबर व नवंबर में मध्य प्रदेश के जंगलों में, अजवायन हनी के लिए दिसंबर से जनवरी तक राजस्थान के जंगलों में, मई से जुलाई तक जम्मू-कश्मीर व पंजाब में और फरवरी से अप्रैल तक हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों में मधुमक्खियों के बाॅक्स ले जा कर उन्हें विभिन्न स्थानों पर रखते हैं. मधुमक्खियों द्वारा इनमें शहद जुटाया जाता है. पर्याप्त शहद जमा हो जाने पर इन बक्सों को एकत्रित कर वापस झज्जर लाया जाता है. यहां शहद को बोतल व डिब्बों में भरा जाता है.

ये उत्पाद होते हैं तैयार: तुलसी हनी, अजवायन हनी, धनिया हनी, शीशम, सफेदा जांटी, लिच्ची व बरसीम हनी तैयार करते हैं.

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इनके अलावा काॅम्ब हनी, हनी आंवला मुरब्बा, गाजर मुरब्बा सुर्य की रोशनी से तैयार किया जाता है. बी-पोलेन (पराग) के अलावा वैक्स भी तैयार किया जाता है जिनकी बाजार में काफी मांग है. मुकेश देवी ने झज्जर के दिल्ली गेट में एक छोटा सा प्लांट लगाया है. बाजार की मांग के अनुसार यहा सभी उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं.

English Summary: Honeybeat flourishes with beekeeping Published on: 28 December 2017, 06:44 AM IST

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