इंसान चाहे तो क्या नहीं कर सकता, बस मन में खुद के प्रति भरोसा और लगन होनी चाहिए. ऐसे में आज हम आपको जो बताने जा रहे हैं, उसको सुनकर आपको विश्वास नहीं होगा. दरअसल, राष्ट्रीय ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हरियाणा की 105 वर्षीय बुजुर्ग महिला(रामबाई) ने अपनी उम्र की परवाह न करते हुए 100 मीटर की रेस पूरी कर एक नया रिकॉर्ड हासिल किया है.
रामबाई की सफलता
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आपको बता दें कि रामबाई का जन्म 1 जनवरी, 1917 को हुआ था, वे गुजरात के वडोदरा में अकेली दौड़ीं, क्योंकि इस रेस प्रतियोगिता में 85 वर्ष से ऊपर का कोई प्रतियोगी नहीं था. ऐसे में रामबाई ने सैकड़ों दर्शकों की मौजूदगी में 100 मीटर की रेस पूरी की और विश्व मास्टर्स में इस आयु में 100 मीटर की रेस पूरा कर गोल्ड मैडल हासिल किया.
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रामबाई ने 45.40 सेकंड में रेस पूरी करते हुए नेशनल रिकॉर्ड (national record) हासिल किया. जोकि पहले यह रिकॉर्ड मान कौर के नाम दर्ज था, उन्होंने यह रेस 74 सेकंड में पूरी की थी.
क्या है रामबाई का लक्ष्य
रामबाई ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि 'यह मेरे लिए एक अच्छा एहसास है और मैं फिर से दौड़ना चाहती हूं' उन्होंने 15 जून को 100 मीटर की रेस पूरी की और रविवार को 200 मीटर की रेस पूरी कर गोल्ड मैडल अपने नाम किया. अब उनका लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में होने वाले मुकाबले में हिस्सा लेना है.
रामबाई का जीतने के मंत्र
मीडिया से पूछे जाने पर रामबाई ने हँसते हुए कहा कि मैं शुद्ध शाकाहारी हूँ और 'चूरमा के साथ दही या फिर दूध डालकर खाती हूँ.' इसके अलावा गांव का शुद्ध वातावरण.
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