हरियाणा के बागवानों के लिए एक अच्छी खबर है जिससे उनकी आय में वद्धि होगी. बागवानी किसानों के लिए जल्द ही बेहतर निर्यात के दरवाजे खुलने वाले हैं. हरियाणा सरकार ने किसानों की सब्जियों और फलों के पोस्ट हार्वेस्टिंग मेनेजमेंट पर खास ध्यान दिया है. दरअसल, बागवानी विभाग ने करीब 140 पोस्ट हार्वेस्टिंग सेंटर खोलने की योजना बनाई है जिन्हें राज्य के विभिन्न इलाकों में खोला जाएगा. किसानों के लिए खुशखबरी है कि अब किसान इन केन्द्रों के ज़रिए अपनी फसल की ग्रेडिंग, वॉशिंग, पैकिंग, स्टोरेज और ट्रांसपोर्ट कर सकते हैं. खास बात यह है कि इन केन्द्रों को स्थापित करने के लिए हरियाणा सरकार करीब 70 से 90 प्रतिशत सब्सिडी भी देगी.
आपको बता दें कि राज्य के कई जिलों में करीब 42 पोस्ट हार्वेस्ट सेंटर खोलने की योजना को स्वीकृत मिल गई है. इतना ही नहीं, अंबाला, पेहवा और बाबैन में केन्द्र खुल भी चुके हैं. जिसके बाद हरियाणा भी सब्जियों और फलों का बड़ा निर्यातक बनने की दिशा की ओर है. सरकार का मकसद है कि किसान की फसलों को देश से विदेश की बड़ी मंडियों तक पहुंचाया जा सके. इसके लिए बागवानी विभाग योजनाबद्ध तरीके से लगातार काम कर रहा है. इस तरह किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी.
केंद्रों पर खर्च होंगे इतने रुपये
हरियाणा के 22 जिलों में 140 केंद्र खोले जाने हैं. बता दें कि सरकार इन 42 केंद्रों पर करीब 178 करोड़ रुपए खर्च करेगी. जिसमें सरकार की तरफ से 149 करोड़ की सब्सिडी दी जाएगी. इसके अलावा क्रॉप क्लस्टर डिवेलपमेंट प्रोग्राम के तहत अम्बाला जिले में 1, कुरुक्षेत्र में 6, करनाल में 2, सोनीपत में 5, गुरुग्राम में 1, मेवात में 2, महेंद्रगढ़ में 1, झज्जर में 2, जींद में 1, कैथल में 2, फतेहाबाद में 4, हिसार में 9, सिरसा में 5 और यमुनानगर में एक पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट केंद्र खोला जाएगा. ध्यान दें कि शिमला मिर्च और पपीता, बाबैन में आलू, प्याज और टमाटर, पेहवा में मटर, बंद गोभी और फूल गोभी के लिए केंद्र खुल चुके हैं. इस तरह सरकार का प्रयास है कि आने वाले समय में किसानों की आय दोगुनी हो, साथ ही राज्य का नाम भी रौशन हो सके.
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