1. Home
  2. ख़बरें

मधुमक्खी पालकों को मिल सकता है किसान का दर्जा और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा

मोदी सरकार का साल 2020-21 का बजट पेश होने वाला है. इस साल भी किसानों को इंतज़ार है कि सरकार किसानों के लिए क्या नया करने वाली है. इसी कड़ी में मधुमक्खी पालन विकास समिति ने मांग की है कि सरकार के आगामी बजट में मधुमक्खी पालकों को किसान का दर्जा दिया जाए, साथ ही मधुमक्खी पालन क्षेत्र के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये का मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाए. इसके अलावा समिति ने सिफारिश की है कि भूमिहीन मधुमक्खी पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड सुविधा भी दी जाए.

कंचन मौर्य

मोदी सरकार का साल 2020-21 का बजट पेश होने वाला है. इस साल भी किसानों को इंतज़ार है कि सरकार किसानों के लिए क्या नया करने वाली है. इसी कड़ी में मधुमक्खी पालन विकास समिति ने मांग की है कि सरकार के आगामी बजट में मधुमक्खी पालकों को किसान का दर्जा दिया जाए, साथ ही मधुमक्खी पालन क्षेत्र के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये का मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाए. इसके अलावा समिति ने सिफारिश की है कि भूमिहीन मधुमक्खी पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड सुविधा भी दी जाए.  

उनका मानना है कि अगर बाजार टूटने की स्थिति आती है, तो मधु मूल्य स्थिरीकरण कोष से किसानों के नुकसान की कुछ भरपाई हो पाएगी. आपको बता दें कि सरकार ने एक मधुमक्खी पालन विकास समिति का गठन किया था, जहां किसानों की आय दोगुनी करने के लिए मधुमक्खी पालन संबंधी सिफारिशें देनी थी. ये समिति सरकार को साल 2019 में अपनी सिफारिशें सौंप चुकी है. इसके मुताबिक उनकी मांगें आम बजट में पूरी होनी चाहिए.

मधुमक्खी पालन की बात करें, तो भारत में छठे स्थान पर इसका उत्पादन होता है. समिति का मानना है कि उनके सुझावों से देश पहले पायदान पर पहुंच सकता है. इसके अलावा समिति ने सुझाव दिया है कि सभी सड़कों, रेल मार्गों और नदियों के किनारे ऐसे पौधे लगाए जाएं जिनसे पूरे साल मधुमक्खियों को फूलों का रस मिलता रहे. इस प्रक्रिया से शहद का उत्पादन भी होगा, साथ ही अन्य उत्पाद जैसे परागकण या पोलन, रॉयल जैली, मोम, प्रोपोलिस, डंक आदि का भी निर्यात किया जा सकता है जिससे देश को साल में लगभग 1,200 करोड़ रुपये की विदेशीमुद्रा की आय मिल सकती है.

pm modi

जानकारी के लिए बता दें कि साल 2018-19 में लगभग 1 लाख 15 हजार टन शहद का उत्पादन हुआ, जिसमें लगभग 62 हजार टन का निर्यात किया गया है. समिति ने सिफ़ारिश की है कि शहद और इससे जुड़े अन्य उत्पादों की गुणवत्ता जांचने के लिए विश्व स्तरीय जांच प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएं जिससे निर्यात में आने वाली शिकायतें भी दूर हो सकें.

आपको बता दें कि मधुमक्खी पालन एक ऐसा ही व्यवसाय है, जिससे काफी लाभ कमाया जा सकता है.  बाजार में शहद और इसके उत्पादों की मांग बढ़ती जा रही है, इसलिए बड़े पैमाने पर मधुमक्खी के पालन की प्रगत प्रणाली और प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है जिससे मधुमक्खी पालन में सरकार की भी मदद मिल सके.

English Summary: beekeeping development committee demanded grant of farmer status Published on: 08 January 2020, 05:54 PM IST

Like this article?

Hey! I am कंचन मौर्य. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News