गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के प्रसार शिक्षा निदेशालय ने डेयरी विकास विभाग, पंजाब के अधिकारियों के लिए 'जलवायु के अनुसार डेयरी फार्मिंग' पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस संदर्भ में डॉ इंद्रजीत सिंह, वाइस चांसलर ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग लगातार बढ़ रही है और इसका हमारे पर्यावरण पर बहुत बुरा और तीव्र प्रभाव पड़ रहा है.
वही, इससे डेयरी सेक्टर पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है, इसलिए हमें पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने की आवश्यकता है ताकि डेयरी पशुओं की उत्पादकता को बनाए रखा जा सके और उसमें सुधार किया जा सके.
डॉ प्रकाश सिंह बराड़, निदेशक प्रसार शिक्षा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन वैश्विक स्तर पर डेयरी उद्योग को प्रभावित कर रहा है. पशु स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसी कारण को बीमारियों के महामारी रूप कारण मानते हैं. इससे दूध उत्पादन भी कम हो रहा है. इसलिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि क्षेत्र में काम करने वाले अधिकारियों और पेशेवरों को उन प्रौद्योगिकियों और तरीकों से अवगत कराया जाए जो इन चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकते हैं.
तकनीकी सत्रों में विशेषज्ञों ने इससे जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की. डॉ रणधीर सिंह ने जलवायु परिस्थितियों के कारण पशुधन पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों पर चर्चा की. डॉ रविकांत गुप्ता ने पशुबाड़ों में पर्यावरण परिवर्तन से आई नई तकनीकों पर प्रकाश डाला. डॉ परमिंदर सिंह ने दूध उत्पादन से संबंधित नई पोषण पशु आहार नीतियों के बारे में जानकारी दी. डॉ रजनीश ने प्रदूषण को कम करने के लिए अपशिष्ट प्रबंधन के तरीकों और लाभकारी उद्देश्यों के लिए कचरे के उपयोग के बारे में बताया. डॉ नवजोत सिंह बराड़ ने चारा उत्पादन उपकरणों के कुशल उपयोग और कृषि विज्ञान की नई प्रथाओं के बारे में बताया. डॉ अरुणबीर सिंह ने समन्वयक के रूप में यह प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करवाया.
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