अहमदाबाद: कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) के यार्ड में आलू और प्याज की कम कीमतों ने गुजरात के किसानों की आंखों में आंसू ला दिए हैं. एपीएमसी मार्केट यार्ड में गुणवत्ता के आधार पर आलू की कीमत 3 रुपये से 10 रुपये प्रति किलो के बीच है. महुवा और भावनगर यार्ड में प्याज छह से नौ रुपये किलो बिक रहा है.
डीसा एपीएमसी के अध्यक्ष मावजी देसाई ने कहा, 'आलू की आपूर्ति अधिक होने के कारण इस साल प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ी है. वर्तमान में फसल का बड़ा हिस्सा कोल्ड स्टोरेज में जा रहा है क्योंकि किसान बेहतर कीमतों के लिए इंतजार करना चाहते हैं. उन्हें उम्मीद है कि 2022 में 7.5 लाख किलोग्राम की तुलना में राज्य में आलू का उत्पादन लगभग 8.5 लाख किलोग्राम होगा. हालांकि, अच्छी गुणवत्ता वाले आलू के अभी भी ऊंचे दाम मिल रहे हैं. कीमतों में गिरावट मुख्य रूप से मध्यम और निम्न गुणवत्ता वाले आलू की हैं.
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशीष गुरु ने कहा, 'पिछले साल पश्चिम बंगाल में आलू का उत्पादन कम हुआ था और वहां गुजरात से आलू भेजा गया था. इस साल पूरे देश में फसल एक जैसी रही है. एक अनुमान के मुताबिक, यूपी, पंजाब, बिहार और मध्य प्रदेश में आलू के उत्पादन में वृद्धि देखी गई है.
अहमदाबाद मार्केट यार्ड के एक थोक व्यापारी किशोर परयानी ने कहा कि बम्पर फसल के कारण किसानों को अच्छी कीमत नहीं मिल रही है. आलू और प्याज को कोल्ड स्टोरेज की जरूरत होती है. एक बार कोल्ड स्टोरेज क्षमता पूरी होने के बाद किसान अपनी फसल को बाजार में धकेलने के लिए मजबूर हो रहे हैं, जिस कारण इसकी कीमतें गिर रही हैं.
ये भी पढ़ेंः बदलते मौसम ने आलू के फसल को किया बर्बाद तो वैज्ञानिकों ने फसल प्रबंधन की दी सलाह, जानने के लिए पढ़ें पूरी ख़बर
महुवा एपीएमसी के सचिव घनश्याम पटेल ने कहा, 'अगले कुछ दिनों में प्याज की कीमत करीब 11 रुपये प्रति किलो पर स्थिर होने की उम्मीद है. घटिया प्याज की फसल को स्टोर न किए जाने के कारण यह बाजार में भर गया है, जिससे कीमतों में गिरावट आई है. पटेल ने कहा कि भावनगर, अमरेली और राजकोट जिलों में उगाए जाने वाले 'लालपति' प्याज को गुजरात में उपयोग नहीं किया जाता है और इसे दिल्ली और बांग्लादेश जैसे बाजारों में भेजा जाता है. महाराष्ट्र और कर्नाटक में पैदा होने वाले प्याज की खपत गुजरात में होती है.
Share your comments