
गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा में एक पटाखा फैक्ट्री में बॉयलर फटने से दिल दहला देने वाला हादसा हुआ. इस दर्दनाक घटना में मध्य प्रदेश के 18 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 3 मजदूर गंभीर रूप से घायल है. इसके अलावा, 5 अन्य मजदूरों को मामूली चोटें आई हैं. हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
बता दें कि जिस समय यह हादसा हुआ उस दौरान फैक्टी के अंदर करीब 30 मजूदर काम कर रहे थे. यह हादसा काफी खौफनाक था. आग की ऊंची-ऊंची लपटे बादलों को छूती नजर आ रही थी. यह हादसा सुरक्षा नियमों की अनदेखी का बड़ा उदाहरण है। इस हादसे ने प्रशासन के सामने कई सवाल खड़े कर दिए है.
कैसे हुआ हादसा?
यह धमाका बनासकांठा जिले के डीसा तहसील के धुनवा रोड पर स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में हुआ. विस्फोट इतना भयानक था कि कई मजदूरों के शरीर के टुकड़े 50 मीटर दूर तक बिखर गए. फैक्ट्री के पीछे खेतों में भी मजदूरों के शरीर के हिस्से मिले हैं.
दो दिन पहले ही आए थे मजदूर
- मृतक और घायल मजदूर मध्य प्रदेश से दो दिन पहले ही काम की तलाश में आए थे.
- वे पटाखे बनाने का काम कर रहे थे, लेकिन फैक्ट्री के पास केवल पटाखे बेचने का लाइसेंस था, बनाने का नहीं.
- दमकल कर्मियों को आग बुझाने में 5 से 6 घंटे का समय लगा.
प्रशासन ने शुरू की जांच
- हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
- एसडीएम नेहा पांचाल ने बताया कि घायलों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
- 3 मजदूर 40% से अधिक झुलस गए हैं और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जताया शोक
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया. उन्होंने "X" (ट्विटर) पर लिखा— "गुजरात के बनासकांठा में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से मध्य प्रदेश के मजदूरों की असामयिक मृत्यु का समाचार अत्यंत हृदयविदारक है. शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. प्रदेश सरकार घायलों व मृतकों के परिजनों की हरसंभव मदद के लिए प्रतिबद्ध है."
क्या होगी कार्रवाई?
- फैक्ट्री के पास पटाखा बनाने का लाइसेंस नहीं था, इसके बावजूद वहां पटाखे बनाए जा रहे थे.
- प्रशासन इस लापरवाही की गहराई से जांच कर रहा है.
- हादसे की जिम्मेदारी तय कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
फिलहाल स्थिति
- हादसे में झुलसे मजदूरों का इलाज अस्पताल में जारी है.
- मृतकों की पहचान करने की प्रक्रिया चल रही है.
- सरकार मृतकों के परिजनों को सहायता देने की योजना बना रही है.
यह घटना कई सवाल खड़े करती है— बिना लाइसेंस के पटाखा फैक्ट्री कैसे संचालित हो रही थी? क्या मजदूरों की सुरक्षा का ध्यान रखा गया था? प्रशासन की जांच के बाद ही इन सवालों के जवाब सामने आएंगे.
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