पूर्वोत्तर राज्यों में टी बोर्ड ने छोटे चाय उत्पादकों के लिए (क्यू.आर.कोड) वाले पहचान पत्र वितरित किए हैं। इसके तहत असम के चाय उत्पादकों को नार्थ-ईस्ट स्मॉल टी ग्रोअर्स एसोसिएशन के एक्सीक्यूटिव डायरेक्टर के मौजूदगी में पहचान पत्र वितरित भी किए गए हैं। इसके द्वारा चाय की पत्तियों का एकत्रीकरण व बिक्री में आसानी मिलेगी। छोटे दर्जे के उत्पादकों को इसके द्वारा काफी लाभ मिल सकेगा। खासकर इसका उपयोग मोबाईल एप के द्वारा चाय की बिक्री करने के लिए किया जाएगा। जिससे कम समय वह चाय की हरी पत्ती को चाय उद्दोग को बेच सकेंगे। चाय की पत्ती की गुणवत्ता व मात्रा को तारीख व समय के साथ रिकार्ड कर दर्ज कर सकेंगे।
क्यू आर कोड (QR) की सहायता से चाय पत्ती के खरीददार उसी मोबाईल ऐप की सहायता से चाय उत्पादक का पूरा डेटा निकालकर चाय बेच सकेंगे। फैक्ट्रियों के पास उत्पादकों का सारा डाटा एकत्र हो जाएगा जिससे वह उत्पाद की पहचान आसानी से हो जाएगा। इसकी सहायता से चाय लीफ की खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता आएगी।
चाय बोर्ड उत्पादकों के लिए काफी दिनों से चाय उत्पादकों को पहचान वितरित करने के लिए काफी दिनों से काम कर रहा है। इस दौरान पहचान पत्र के साथ-साथ बायोमीट्रिक पहचान भी दर्ज की गई है। जिसके तहत लगभग 75000 छोटे चाय उत्पादकों को पहचान पत्र वितरित किए गए हैं। लेकिन इसे तकनीकी रूप से और विकसित करने के लिए क्विक रिस्पांस कोड के साथ विकसित करने का इरादा 2017 से किया जा रहा है। जिसे 20 जनवरी 2018 को शुरु कर दिया गया है।
विभूति नारायण
कृषि जागरण नई दिल्ली
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