बढ़ती आबादी के साथ दुनिया में खाद्यान्न की मांग भी लगातर बढ़ रही है. आज भारत की आबादी लगभग 1.40 अरब हो गई है. इतनी इतनी बड़ी आबादी के लिए खाद्यान्न का बंदोबस्त करना दुनिया के किसानों के कन्धों पर ही है. दुनिया के 7 महाद्वीपों में सबसे ज्यादा आबादी भी एशिया महाद्वीप की ही है. दुनिया की कुल आबादी का लगभग 60 प्रतिशत भाग इस महाद्वीप पर ही रहता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर 25 वर्षों में 75 प्रतिशत खाद्यान्न की पैदावार नहीं बढ़ी, तो इसके दाम और भूख से मरने वालों की संख्या में खासा इजाफा होने वाला है.
सबसे ज्यादा की जाती है इन 10 फसलों की खेती
विशेषज्ञों के अनुसार पूरे एशिया में उत्पादित की जानें वाली कुल फसलों में 99 प्रतिशत हिस्सा केवल 24 फसलों की घरेलू प्रजातियों पर ही निर्भर करता है. इसी में अगर हम उत्पादन के लिहाज से दुनिया की टॉप 10 फसलों की बात करें, तो इनमें मक्का, गेहूं, चावल, आलू, चुकंदर, सोयाबीन, कसावा, जौ, शकरकंद और टमाटर शामिल हैं.
7 प्रतिशत भूमि पर उत्पादन करता है चीन
दुनिया में भारत और चीन सबसे ज्यादा आबादी वाले देश हैं. जिसमें चीन दुनिया में 20-25 प्रतिशत आबादी के साथ केवल 7 प्रतिशत भूमि पर ही खेती करता है. समय के साथ बढ़ रही आबादी का पेट भरने के लिए सबसे पहले जो जरुरी है, वह है खाद्यान्न की सप्लाई करना. खाद्यान्न की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कई प्राकृतिक और तकनीकी प्रयास किए जा रहे हैं. हम इसके लिए उन्नत बीजों एवं उच्च सिंचाई सुविधाओं की दिशा में भी अग्रसर हैं.
ज्यादा उत्पादन के लिए कीटनाशक बनेंगे प्रहरी
भारत हो या कोई अन्य देश फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान उनमें लगने वाले कीटों से होता है. आज दुनिया भर में बन रहे अलग-अलग कीटनाशकों की सहायता से हम उन्नत फसलों की कल्पना कर दुनिया की बढ़ती आबादी का पेट भरने की राह की ओर अग्रसर हो सकते हैं. विशेषज्ञों और शोधों के अनुसार कीटनाशकों की फसल संरक्षण में एक अहम भूमिका है.
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यदि आगे आने वाले 25 वर्षों में हमने फसलों में लगने वाले रोगों के लिए उचित कीटनाशकों के प्रयोग को बढ़ावा नहीं दिया तो कुल पैदावार का कुछ प्रतिशत तो केवल फसल के खराब होने में चला जायेगा.
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