केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को एक मोबाइल ऐप, राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (National Pest Surveillance System) लॉन्च किया, जिसके ज़रिए किसान अपने खेत से फसल की तस्वीरें भेज सकते हैं, अगर उस पर कीट या कीट का हमला हुआ हो. इससे सरकार को संक्रमण/Infestation के पैमाने को जानने और उसके अनुसार कार्रवाई करने में मदद मिलेगी.
स्वतंत्रता दिवस समारोह को देखने के लिए विशेष आमंत्रित के रूप में दिल्ली आए किसानों की एक सभा में ऐप लॉन्च करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उन्हें व्यक्तिगत अनुभव है कि कैसे पहली रिपोर्ट के कुछ दिनों के भीतर सोयाबीन की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई. उन्होंने समय पर कार्रवाई के महत्व को रेखांकित किया जिसके लिए “सूचना की समय पर उपलब्धता” महत्वपूर्ण कारक है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसानों को ऐप का उपयोग करके फसल की तस्वीर तुरंत लेनी पड़ेगी और मोबाइल पर एकत्र की गई तस्वीर अपलोड करनी पड़ेगी. चूंकि सरकार का इरादा जानकारी इकट्ठा करना और संक्रमण के पैमाने का आकलन करना है, इसलिए फसल का स्थान सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है. ताकि एआई स्थिति का बेहतर विश्लेषण कर सके कि क्या कोई विशेष कीट हमला गांव स्तर पर पाया गया है या किसी जिले के अधिक गांवों में या अधिक जिलों या राज्यों में."
लागत में आएगी कमी
केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि किसानों द्वारा कीटों के हमले के संदेह में स्थानीय कीटनाशक विक्रेता के पास सलाह लेने और कीटनाशक खरीदने की मौजूदा प्रथा कम हो जाएगी और इससे उन्हें लागत बचाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि न केवल ऐप किसानों को सही सलाह पाने में मदद करेगा, बल्कि कीटों से निपटने के लिए सही कीटनाशक खरीदने में भी उनकी मदद करेगा.
कृषि मंत्री ने कहा कि सितंबर से सरकार ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) पर " किसानों की बात " नामक एक कार्यक्रम शुरू करेगी, जिसमें किसान और कृषि वैज्ञानिक मिलकर किसानों की समस्याओं का समाधान करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के " मन की बात " कार्यक्रम की तर्ज पर " किसानों की बात" भी महीने में एक बार आकाशवाणी पर प्रसारित की जाएगी.
उन्होंने किसानों को वैज्ञानिकों के शोध के बारे में जानकारी रखने पर जोर देते हुए कहा, "हमारा काम किसानों और वैज्ञानिकों को जोड़ना है. कई बार किसानों को जानकारी नहीं होती, इसलिए वे गलत कीटनाशक का इस्तेमाल कर लेते हैं. किसानों को विज्ञान का लाभ तुरंत मिले, इसके लिए हम महीने में एक बार किसान संवाद कार्यक्रम शुरू करेंगे, जिसमें उनके साथ वैज्ञानिक और कृषि विभाग के अधिकारी भी हिस्सा लेंगे."
'प्राकृतिक खेती अपनाएं'
उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) से भी कहा कि वे किसानों के साथ पूरी तरह से जुड़ें, जो कि प्रौद्योगिकी को प्रदर्शन के माध्यम से किसानों के खेतों तक ले जाने वाली सरकारी एजेंसियां हैं. मंत्री ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि अगर इसे सही तरीके से किया जाए तो उपज में कोई कमी नहीं आएगी. उन्होंने घोषणा की कि कृषि मंत्रालय ने पहले ही प्राकृतिक खेती मिशन तैयार कर लिया है जिसे बहुत जल्द जारी किया जाएगा.
उन्होंने पिछले हफ़्ते संसद में दिए अपने बयान को दोहराया कि किसी भी प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में मोदी जितनी बार "किसान" शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है. चौहान ने कहा कि पहले भी कई प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से झंडा फहरा चुके हैं, लेकिन किसी भी सरकार ने किसानों को इस कार्यक्रम को देखने के लिए नहीं बुलाया.
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