महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा/MNREGA) भारत की एक ऐसी स्कीम है जो गरीबों के उत्थान में कई वर्षों से सहयोग करती चली आ रही है. अब भारत सरकार इन मजदूरों का दायरा पहले से ज्यादा आगे बढ़ाने जा रही है. सरकार के इस कदम के बाद मनरेगा मजदूरों को काम तो ज्यादा मिलेगा ही साथ में उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी.
मनरेगा में किन कामों को शामिल किया जायेगा
मनरेगा भारत में किसान/मजदूरों के लिए कई तरह की योजनाओं को संचालित करती रहती है. इनमें तालाब की खुदाई से लेकर नहर की खुदाई एवं अन्य काम शामिल रहते हैं. लेकिन अब सरकार इन मजदूरों की ज्यादा कमाई के लिए नए कदम उठाने की तैयारी में है. अब मनरेगा के मजदूर जन सुविधा केंद्र और दुकानों के निर्माण में भी सहयोग किया करेंगे. उनके द्वारा किए जाने वाले इन कामों को मनरेगा की श्रेणी में ही रखा जाएगा. जिसके तहत मनरेगा के मजदूरों को प्राप्त होने वाली मजदूरी भी प्रदान की जाएगी.
क्या है मनरेगा
भारत सरकार ने मनरेगा की शुरुआत 2 अक्टूबर सन 2009 में मनरेगा अधिनियम के तहत भारत के ऐसे किसान या मजदूर जिनके पास खुद के खेत नहीं हैं या हैं भी तो पर्याप्त आय के साधन से वंचित हैं तो ऐसे ग्राम वासियों के लिए सरकार की इस स्कीम के तहत उनको काम प्रदान किया जायेगा. जिसके बदले में उनको सरकार के द्वारा निर्धारित मजदूरी प्रदान की जाएगी. भारत की यह योजना एशिया की सबसे बड़ी योजना के तहत भी काम कर रही है.
कितनी मिलती है मजदूरी
मनरेगा के मजदूर जो भी काम मनरेगा के तहत करते हैं सरकार द्वारा उनको उस काम के लिए मजदूरी वेतन दिया जाता है. सरकार समय-समय पर उनको प्रदान किए जाने वाले इस मजदूरी भत्ते में बढ़ोतरी करती रहती है.
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वर्तमान में यदि हम उनके इस भते की बात करें तो यह भत्ता सभी प्रदेशों में अलग-अलग निर्धारित है.
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