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किसानों की समस्याओं से परेशान सरकार ने राजधानी दिल्ली में की बैठक

प्रधानमंत्री से लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह तक सबकी तरफ से हर मंच पर किसानों की बदहाली दूर कर उन्हें हर तरह से राहत पहुंचाने की बात की जाती है. दावा इस बात का होता है कि सरकार की नीतियों की बदौलत ही इस वक्त देश में किसानों के हालात में सुधार हो रहा है.

प्रधानमंत्री से लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह तक सबकी तरफ से हर मंच पर किसानों की बदहाली दूर कर उन्हें हर तरह से राहत पहुंचाने की बात की जाती है. दावा इस बात का होता है कि सरकार की नीतियों की बदौलत ही इस वक्त देश में किसानों के हालात में सुधार हो रहा है.

लेकिन, अंदरखाने सरकार को इस बात का डर सता रहा है कि कृषि और किसानों से जुड़ी योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने में अबतक वो सफलता नहीं मिल पा रही है जिसकी उम्मीद की गई थी. परेशानी इस बात को लेकर है कि दूर-दराज के इलाकों में तो सरकार की योजनाओं के बारे में ठीक ढंग से लोगों को जानकारी तक नहीं है.

सरकार की तरफ से किसानों की आमदनी को 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य भी रखा गया है. इस बात का दावा भी किया जाता रहा है. लेकिन, अब इसके लिए योजनाओं पर अमल की भी तैयारी हो रही है.

किसानों को सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं

गौरतलब है कि केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मृदा (सॉएल) हेल्थ कार्ड की योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना समेत कई दूसरी बड़ी योजनाओं की सौगात मिली है. लेकिन इनमें कई योजनाओं के बारे में दूर-दराज के गांवों में किसानों को सही जानकारी नहीं मिलने से वो इसका फायदा नहीं उठा पा रहे हैं.

उधर, विपक्ष की तरफ से लगातार हो रहे हमलों ने भी सरकार को परेशान कर दिया है. विपक्ष किसानों की खराब हालत और आत्महत्या ना रुकने का मामला उठाकर सरकार को घेर रहा है.

किसानों के अपार समर्थन के दम पर सत्ता में आई बीजेपी सरकार की तरफ से संकल्प-सिद्धि नाम से अभियान भी चलाया गया. लेकिन कृषि मंत्रालय की तरफ से चलाया गया अभियान सफल नहीं हो पाया था. इस अभियान के जरिए लोगों तक सरकारी योजनाओं को लेकर संवाद स्थापित करना था.

बीजेपी किसान मोर्चा की बढ़ी जिम्मेदारी

अब सरकार की इन योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी बीजेपी किसान मोर्चा को दी गई है. बीजेपी किसान मोर्चा की तरफ से पूरे देश में मंडल और जिला स्तर पर पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण देने की तैयारी हो रही है. जिसके बाद वो गांव-गांव में किसानों के बीच जाकर उन्हें सरकार की योजनाओं के फायदे और उसे अपनाने के तरीके बताएंगे. बीजपी सूत्रों के मुताबिक, पूरे देश में करीब 50000 प्रशिक्षित कार्यकर्ता होंगे जो अलग-अलग जगहों पर जाकर किसानों को जानकारी देंगे.

बीजेपी दफ्तर में 12 अक्टूबर को इस बाबत विशेष बैठक भी बुलाई गई है जिसमें कृषि और किसान संबंधी मुद्दे पर चर्चा होगी. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के अलावा कुछ बीजेपी शासित राज्यों के कृषि मंत्रियों को भी बुलाया गया है.

इसके अलावा बैठक में किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह मस्त, किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह सेंगर और मोर्चा के कई दूसरे वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. इस बैठक में बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के कृषि मंत्री शिरकत करने वाले हैं.

बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह सेंगर ने बताया कि ‘आगे और भी राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ इस तरह की बैठक होगी जिसमें हर राज्य में कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर उन्हें किसानों के बीच भेजने की तैयारी की रूपरेखा तय होगी.’

अक्सर देखा जाता है कि किसानों को सही जानकारी के अभाव में कई बार सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाना पड़ता है. लेकिन इस नई व्यवस्था के बाद अब हर जिले और मंडल स्तर पर प्रशिक्षित कार्यकर्ता किसानों की मदद करेंगे.

English Summary: Government meeting in Delhi, trouble with farmers' problems Published on: 11 October 2017, 05:43 AM IST

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