केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने किसानों के हित के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में 3 लाख रुपए तक के कम अवधि वाले कृषि लोन के लिए 1.5 फीसदी के ब्याज सबवेंशन के लिए मंजूरी दे दी है.
आपको बता दें कि वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2024-25 के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों, लघु वित्त बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों और कम्प्यूटरीकृत पैक्स सहित लोन देने वाली संस्थाओं द्वारा 1.5 प्रतिशत की ब्याज सबवेंशन प्रदान की जाएगी. साथ ही केंद्र सरकार ने ब्याज सबवेंशन की इस अवधि के लिए 34856 करोड़ रुपए की राशि का प्रोविजन किया है.
इस योजना से रोजगार के अवसर पैदा होंगे क्योंकि पशुपालन, डेयरी, मुर्गी पालन और मत्स्य पालन सहित सभी प्रकार की गतिविधियों के लिए कम अवधि वाला कृषि लोन प्रदान किया जाता है. समय पर लोन चुकाने के दौरान, किसान 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर कम अवधि वाला कृषि लोन प्राप्त करते रहेंगे.
किसान क्रेडिट कार्ड
फिलहाल किसानों को सस्ते दरों पर परेशानी मुक्त लोन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई थी. इसे किसानों को कृषि उत्पादों और सेवाओं को लोन पर खरीदने के लिए और सशक्त बनाने के लिए पेश किया गया था.
इस फैसले से किसान अब आसानी से लोन ले सकते हैं. इससे पहले किसान या तो बिचौलियों से कर्ज लिया करते थे. जिसके बदले किसान अपनी जमीन तक गिरवी रख देते थे. तय समय पर कर्ज ना चुकाने पर किसानों की जमीन छीन ली जाती थी. छोटे व सीमांत किसानों की कमाई का जरिया ही खत्म हो जाता था. सरकार ने किसानो पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाएं चलाई.
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जानकारी के अभाव के कारण अभी भी कुछ किसान बैंकों से लोन लेने के लिए कतराते हैं. आपको बता दें कि इस योजना के तहत कृषि, पशुपालन, डेयरी, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन में लगे किसानों को 7 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से 3 लाख रुपये तक का कम अवधि वाला कृषि लोन उपलब्ध करवाया जाता है.
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