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KCC को लेकर सरकार की धीमी रफ़्तार, किसानों के कहा- वादों के मुकर रही है केंद्र सरकार

मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सरकार ने अपने स्तर पर ईमानदार किसानों को ब्याज मुक्त कृषि कर्ज (Farm Loan) देना शुरू कर दिया है. ताकि किसानों पर लोन का बोझ कम हो जाए. अकसर ये देखा गया है की किसानों को फसल की बुवाई से लेकर कटाई तक के लिए भारी रकम की जरुरत होती है. ऐसे में राज्य सरकार और केंद्र सरकार की और से की जाने वाली हर छोटी से छोटी मदद उनके लिए महत्वपूर्ण होता है.

प्राची वत्स

पांच राज्यों में चुनाव के बीच किसानों की नाराजगी अब धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. ऐसे ने राज्य सरकार तो अपना वादा निभाती नजर आ रही है लेकिन अगर केंद्र सरकार की बात करें तो वो अपने वादों से मुकरती नजर आ रही है.

मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सरकार ने अपने स्तर पर ईमानदार किसानों को ब्याज मुक्त कृषि कर्ज (Farm Loan) देना शुरू कर दिया है. ताकि किसानों पर लोन का बोझ कम हो जाए. अकसर ये देखा गया है की किसानों को फसल की बुवाई से लेकर कटाई तक के लिए भारी रकम की जरुरत होती है. ऐसे में राज्य सरकार और केंद्र सरकार की और से की जाने वाली हर छोटी से छोटी मदद उनके लिए महत्वपूर्ण होता है. लेकिन,  केंद्र सरकार ने अपना यह वादा अब तक पूरा नहीं किया है.

पेश होने जा रहा है आम बजट

किसानों की नाराजगी के बीच होने जा रहे पांच राज्यों के चुनाव के दौरान ही आम बजट भी पेश होगा. किसानों को उम्मीद है कि सरकार इस बार अन्नदाताओं को रिझाने के लिए यह दांव खेल सकती है. इसको लेकर किसानों ने पहले ही अपनी असहमति दिखा दी है. इस बार कृषि कर्ज देने का टारगेट भी 16.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 18 या 20 लाख करोड़ रुपये हो सकता है. केंद्र सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) बनवाने के लिए लगने वाली फीस पहले ही जीरो करवा दी है.

क्या था बीजेपी का वादा ?

आपको बता दें बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बनाए गए अपने संकल्प पत्र में एक लाख रुपये तक का केसीसी लोन बिना ब्याज के देने का वादा किया था. सरकार की ओर से यह कहा गया था कि सरकार 1 से 5 वर्ष तक के लिए जीरो परसेंट ब्याज पर 1 लाख रुपये तक का लोन देगी. तब से किसान, इस वादे को पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं. सरकार ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए केसीसी में कई सारे बदलाव किए. कृषि कर्ज देने के टारगेट में हर साल वृद्धि की गई, लेकिन ब्याज मुक्त लोन नहीं दिया.

इंट्रस्ट फ्री लोन के साथ बदलेगी किसानों की जिंदगी

राष्ट्रीय किसान प्रोग्रेसिव एसोसिएशन (RKPA) के अध्यक्ष बिनोद आनंद का कहना है कि जो भी ईमानदार किसान हैं, जिनकी बैंक (Bank) में लेनदेन की अच्छी साख है उन्हें सरकार इंट्रस्ट फ्री लोन दे. साथ में मूलधन समय पर लौटाने का प्रावधान हो. यह भी देखा जाए कि क्या वो उस पैसे से खेती हो रही है. ऐसा करने से किसानों को खेती के लिए पैसा लेने साहूकारों के पास नहीं जाना होगा. अभी किसान क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले लोन को समय पर लौटाने पर 4 फीसदी का ब्याज लगता है. किसानों के सामने क्रेडिट की बड़ी समस्या है. इंट्रस्ट फ्री लोन से किसानों की जिंदगी आसान होगी.

केसीसी में होगा नया बदलाव

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर सरकार खेती-किसानी के लिए इस समय 3 लाख रुपये का कर्ज देती है. इसके लिए रेवेन्यू रिकॉर्ड गारंटी के तौर पर लगता है. लेकिन यदि कोई किसान 1.60 लाख रुपए तक का लोन लेता है तो उससे कोई गारंटी नहीं ली जाती. पहले बिना गारंटी सिर्फ 1 लाख रुपये तक का लोन मिलता था. किसानों का कहना है कि यह सीमा 2 लाख रुपये तक कर देनी चाहिए. अब केसीसी के तहत पशुपालन और मछलीपालन के लिए 2 लाख रुपये तक का लोन मिल रहा है. इसकी लिमिट में भी वृद्धि की जरूरत है.

किसानों पर कितना है कर्ज?

नाबार्ड यानी नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट के मुताबिक 31 मार्च 2021 तक कुल बकाया कृषि कर्ज 16,80,366.77 करोड़ रुपये है. जबकि 2019 में हर किसान पर औसत 74,121 रुपये का कर्ज है. किसानों पर लोन का बोझ बढ़ रहा है. साल 2013 में हर किसान पर औसतन 47,000 रुपये का कर्ज बकाया था. देखना ये है कि कृषि कर्ज को लेकर इस बजट में सरकार क्या करने वाली है.

English Summary: Government is showing its slow pace regarding KCC Published on: 13 January 2022, 12:58 PM IST

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