राजस्थान में टिड्डीयों ने किसानों की फसलों पर एक बार फिर से हमला बोल दिया है. बढ़ती टिड्डीयों की संख्या ने राज्य में किसानों से लेकर सरकार तक की होश उड़ा रखे हैं. इस विषय को संज्ञान में लेते हुए कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने टिड्डीयों के नियंत्रण के लिए कदम उठाए है. मंत्री ने सोमवार को कृषि विभाग के अधिकारियों को टिड्डी चेतावनी संगठन (एलडब्ल्यूओ) के साथ समन्वय कर प्रभावी टिड्डी प्रबंधन एवं नियंत्रण करने के निर्देश दिए है. इस कार्य के लिए उन्होंने काश्तकारों की भी पूरा सहयोग लेने को कहा है. मंत्री कटारिया ने सोमवार को वीडियो क्रॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभागीय अधिकारियों से टिड्डीयों की स्थिति पर समीक्षा की.
मंत्री ने कहा कि टिड्डीयों से निपटने के लिए राज्य के पास हर संसाधन उपलब्ध है और फसलों को बचाने के लिए समय रहते टिड्डीयों पर नियंत्रण जरूरी है और इसे किया भी जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य में टिड्डी नियंत्रण का कार्य शुरू है और इसके मद्देनज़र टिड्डी चेतावनी संगठन को 40 गाडियां उपलब्ध कराई गयी है. वहीं इसके लिए 600 ट्रैक्टर किराए पर लेने की स्वीकृति भी जारी की गई है. वहीं आगे उन्होंने कहा कि मदद के तौर पर अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार से भी आग्रह किया गया है.
कटारिया ने कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों को इसके प्रभावी सर्वे करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राज्य में पर्याप्त मात्रा में पेस्टिसाइड्स उपलब्ध है और इसकी जहां भी जरूरत हो उसे तुरंत बताया जाए. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि वाहन, पेस्टिसाइड्स एवं अन्य संसाधनों के अभाव में कहीं भी टिड्डी अनियंत्रित नहीं होनी चाहिए.कृषि मंत्री ने आखिर में कहा कि टिड्डी नियंत्रण के लिए कृषि विभाग के अधिकारी और टिड्डी चेतावनी संगठन के अधिकारी आपस में समन्वय बनाए रखें. इससे नियंत्रण पाने में सुविधा होगी.टिड्डी नियंत्रण के बारे में अधिक जानकारी देते हुए कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि राज्य के गंगानगर, बाड़मेर,जोधपुर, नागौर एवं अजमेर जैसे जिले टिड्डीयों के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. जिसे लगातार टीमों के द्वारा सर्वे किया जा रहा है और टिड्डी नियंत्रण का कार्य किया जा रहा है. पूरे क्षेत्र में 138 सर्वे टीमें लगी हुई हैं और वहीं टिड्डी चेतावनी संगठन की ओर से 45 गाड़ियों के माध्यम से कीटनाशक स्प्रे का कार्य किया जा रहा है.
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