ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों की आर्थिक स्थिति कोरोना और लॉकडाउन की वजह से बिगड़ गई है. ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण परिवारों को रोजगार का नया अवसर प्रदान करने जा रही है. दरअसल, राज्य सरकार एक बड़ी योजना पर काम कर रही है. इस योजना का नाम ग्रामीण आजीविका मिशन है. बता दें कि इस वक्त महानगरों और दूसरे राज्यों से श्रमिक लगातार अपने गांव लौट रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार ने करीब 5.5 लाख परिवारों की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का विचार किया है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मजदूर परिवारों को रोजगार से जोड़ने का निर्देश भी दे दिया है. इससे महिलाएं हर महीने आसानी से 6 हजार रुपए कमा सकती हैं.
महिलाओं ने चुना स्वरोजगार
राज्य सरकार द्वारा मैपिंग कराई जा रही है. इसके जरिए ग्रामीण परिवारों की महिलाओं से पूछा जा रहा है कि वह किस तरह का काम करना पसंद करेंगी और उन्हें उस काम के लिए प्रशिक्षण देने की आवश्कयता होगी या नहीं. इनका जवाब देते हुए महिलाओं ने स्वरोजगार का काम करना चुना है. इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जो कि कौशल विकास मिशन के तहत 10 तक चलेगा. इस प्रशिक्षण के पूरे होते ही महिलाओं को गांव की स्वयं सहायता समूह से जोड़ दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें तत्काल काम शुरू करने के लिए धनराशि भी उपलब्ध करा दी जाएगी.
योजना पर खर्च होगा 400 करोड़ रुपए
आपको बता दें कि ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह से जोड़ी जाने वाली महिलाओं को रोजगार देने के लिए 400 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा. बता दें कि इस राशि से ग्रामीण परिवार की करीब 5 लाख महिलाओंरो रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.
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इन कामों से जोड़ी जाएंगी महिलाएं
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फेस मास्क
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सेनिटाइज़र निर्माण
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पीपीई किट
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स्कूल ड्रेस
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आचार-मुरब्बा निर्माण
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सिलाई
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मसाला पिसाई व पैकिंग
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धूप-अगरबत्ती
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सोलर लैंप निर्माण
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पशुपालन
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सब्जी की खेती और कारोबार
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घरेलू सामान बेचने काम
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बिल्डिंग मैटेरियल बिक्री
मौजूदा समय में मास्क, सेनिटाइज़र समेत पीपीई किट बनाना का काम सबसे बड़ा है. इसके अलावा स्कूल ड्रेस तैयार करने का काम भी शुरू होने वाला है. बता दें कि आने वाले समय में करीब 1 करोड़ स्कूल ड्रेस तैयार करनी हैं. ऐसे में ग्रामीण परिवार की महिलाओं को बड़ी संख्या में सिलाई के काम से जोड़ा जाएगा. इससे महिलाएं 5 से 6 महीने तक आसानी से 6 हजार रुपए कमा सकती हैं.
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