उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी बताने जा रहे है. जिससे उनका चेहरा खिल उठेगा. उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के लिए एक खास तोहफा देने जा रही है जिससे किसानों का आय में बदलाव आएगा, साथ ही उनके जीवनयापन का तरीका भी बेहतर बनेगा. दरअसल उत्तर प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र स्थापना की जाएगी. जिसको लोग इंटरनेशनल सेंटर ऑफ पोटेटो (सीआईपी) के नाम से जानेंगे. इसका मुख्यालय भी बनकर तैयार है, जोकि पेरू के राजधालनी शहर लीमा में स्थित है. इसको केंद्र सरकार ने भी सैद्धांतिक सहमति दे दी है. इस केंद्र से आलू की पैदावार करने वाले किसानों को काफी लाभ मिलेगा. यूपी में प्रति हेक्टेयर आलू उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी, साथ ही प्रसंस्करण से संबंधित प्रजातियों में वृद्धि होगी. इससे आलू का निर्यात बढ़ेगा.
आपको बता दें कि यूपी में करीब 7 लाख हेक्टेयर जमीन में आलू का उत्पादन किया जाता है. यहां हर साल करीब 155 लाख मीट्रिक टन आलू पैदा किया जाता है. तो वहीं देश के कुल उत्पादन का करीब 30 फीसदी आलू की पैदावार यूपी में की जाती है. अगर देश के तौर पर देखा जाए, तो आलू के उत्पादन में दुनिया के 4-5 देश ही यूपी से आगे हैं. हालांकि यहां पैदा होने वाला करीब 95 फीसदी आलू सब्जी में इस्तेमाल होता है, क्योंकि प्रसंस्करण में इस्तेमाल होने वाली किस्म नहीं होती है, यहां घरेलू मांग से 5-10 लाख मीट्रिक टन भी उत्पादन ज्यादा होने पर आलू के दाम गिर जाते हैं. जिसके बाद सरकार को दाम नियंत्रित करने के लिए आगे आना पड़ता है. यूपी में उत्पादकता भी काफी कम है. यहां करीब प्रति हेक्टेयर 24-25 मीट्रिक टन आलू होता है, जबकि विदेशों में प्रति हेक्टेयर यह मात्रा 50-70 मीट्रिक टन तक है.
सीएम योगी ने केंद्रीय कृषि मंत्री को लिखा था पत्र
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतरराष्ट्रीय पोटेटो सेंटर खोलने के लिए पूर्व में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा है. बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव आरके तिवारी सीआईपी, लीमा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे, जिसके बाद आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी. पता चला है कि आगरा में ही यह केंद्र खोले जाने की ज्यादा संभावना है, क्योंकि वहां सबसे ज्यादा आलू उत्पादन होता है.
कार्य योजना हो रही तैयार
किसानों को समस्याओं से निजात दिलाने के लिए सीआईपी आगे आकर काम कर रहा है. आलू उत्पादन अच्छी किस्म में हो, इसके लिए सीआईपी दक्षिण अफ्रीका और वियतनाम समेत कई देशों में अपने केंद्र खोल चुका है. बता दें कि सरकार ने पहले मध्य प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र खोलने पर विचार किया जा रहा था, लेकिन यूपी में आलू का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है, इसलिए अब यह केंद्र यूपी में खोला जाएगा. इसके अलावा आगरा, लखनऊ या आसपास के आलू उत्पादक किसी जिले में यह केंद्र खोला जाएगा, इसके लिए उद्यान विभाग प्रस्तावित कार्ययोजना तैयार कर रहा है.
किसानों को होगा लाभ
अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की स्थापना होने से किसानों को काफी फायदी मिलेगा. इस केंद्र से अधिकाधिक नई तकनीक का प्रयोग हो सकेगा. प्रसंस्करण के लिए उपयोगी आलू की किस्म की बुवाई होगी. इस केंद्र के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा. जहां उत्पादकता बढ़ेगी, तो वहीं निर्यात में भी वृद्धि हो सकेगी. बता दें कि इस संबंध में उच्च स्तर पर प्रस्तुतीकरण किया जा चुका है. जिसमें बताया गया है कि यूपी में प्रसंस्करण के लिए उपयोगी आलू के किस्म का अभाव है. तो वहीं गुणवत्तापूर्ण वेरायटी वाला आलू उपलब्ध नहीं हैं और उत्पादन लागत भी काफी ज्यादा है. कोल्ड स्टोरेज का भी अभाव है. इस केंद्र की स्थापना होने से इन स्थितियों में बदलाव आएगा.
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