केंद्र सरकार ने सात राज्यों में 200 और नई मंडियों को अपने राष्ट्रीय डिजिटल कृषि व्यापार मंच - ईएनएएम - से जोड़ दिया है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि महीने के अंत तक 1,000 मंडियां प्लेटफॉर्म से जुड़ जाएंगी. उन्होंने कहा कि “तालाबंदी के दौरान समान्य मंडियों के पूरी तरह से चालू नहीं होने पर किसानों को ईएनएएम से काफी फायदा हुआ. हमने किसानों को एक बाजार उपलब्ध कराया, जहां उन्होंने मंडियों में न जाकर प्रतिस्पर्धी कीमतों पर अपनी उपज का व्यापार किया. eNAM "एक राष्ट्र एक बाजार," सरकार के उद्देश्य को पूरा करेगी.
ई-नाम मंडियों की संख्या
ई-नाम प्लेटफॉर्म के साथ शुक्रवार को जुड़़ी 200 मंडियां इस प्रकार हैं: आंध्र प्रदेश (11 मंडियां), गुजरात (25 मंडियां), ओडिशा (16 मंडियां), राजस्थान (94 मंडियां), तमिलनाडु (27 मंडियां), उत्तर प्रदेश (25 मंडियां) और कर्नाटक (02 मंडियां) शामिल हैं. बता दें कि अप्रैल 2016 में लॉन्च की गई eNAM की शुरुआत सिर्फ 21 मंडियों से हुई थी. फिलहाल पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़कर 1.66 करोड़ हो गई है, जबकि 1.28 लाख व्यापारी इस प्लेटफॉर्म पर लेनदेन करते हैं. 1000 से अधिक किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को भी इस प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ा गया है. कृषि मंत्रालय के बयान अनुसार, इन मंडियों के इस इलेक्ट्रानिक मंच के साथ जुड़ने के बाद देश में कुल ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) मंडियों की संख्या 785 तक पहुंच जायेगी.
यूएमपी के साथ ई-एनएएम का एकीकरण
तोमर ने कर्नाटक राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा प्रवर्तित ई-ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म कर्नाटक के राष्ट्रीय बाजार मंच (यूएमएस) के एकीकृत बाजार मंच (यूएमपी) के साथ ई-एनएएम के एकीकरण की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि “यह भारत में पहली बार है कि इस पैमाने के एग्री कमोडिटीज के लिए दो अलग-अलग ई-ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को इंटरऑपरेबल बनाया जाएगा. इससे कर्नाटक के किसानों को बड़ी संख्या में ई-एनएएम के साथ पंजीकृत व्यापारियों को अपनी उपज बेचने में मदद मिलेगी और यहां तक कि अन्य राज्यों में ई-एनएएम मंडियों के किसान अपनी उपज को कर्नाटक के व्यापारियों को बेच सकेंगे जो कर्नाटक के रेम्स मंच के साथ नामांकित हैं. तोमर ने कहा कि यह ई-एनएएम प्लेटफॉर्म और कर्नाटक पर राज्यों के बीच अंतर-राज्य व्यापार को भी बढ़ावा देगा.
Share your comments