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कोरोना की जंग में एशियाई विकास बैंक से भारत को मिलेगी राहत, 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लोन राशि स्वीकृत

कोरोना आज वैश्विक संकट बन चुका है. भारत भी आज कोरोना से जूझ रहा है. लॉकडाउन के कारण व्यावसायिक गतिविधि प्रायः बंद है. इस आपातकालीन बंदी के कारण आर्थिक मंदी का भय अर्थव्यवस्था के लिए समस्या बनता जा रहा है

कोरोना आज वैश्विक संकट बन चुका है. भारत भी आज कोरोना से जूझ रहा है. लॉकडाउन के कारण व्यावसायिक गतिविधि प्रायः बंद है. इस आपातकालीन बंदी के कारण आर्थिक मंदी का भय अर्थव्यवस्था के लिए समस्या बनता जा रहा है. अपने क्षेत्रों से अन्य राज्यों में रोजगार के लिए आने वाली बहुसंख्य आबादी वापस गांवों की ओर पलायन कर रही है. आने वाले दिनों में गांवों में पहुंचे लोगों के समक्ष रोजगार संकट भी आएगा. ये मोदी सरकार के लिए एक चिंता का विषय है. इस मुश्किल वक्त में एशियाई विकास बैंक द्वारा भारत को दिया गया ऋण आशा की एक किरण की तरह देखा जा रहा है.

एशियाई विकास बैंक के ऋण से मिलेगी राहत:

कोरोना से निजात पाने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को एक बड़े बूस्टर डोज की तलाश है. ऐसे वक़्त में भारत के लिए एक बेहद अच्छी खबर दी है एशियाई विकास बैंक ने, बैंक ने भारत को कोरोना से लड़ने के लिए बनाये गये कोविड -19 एक्टिव रिस्पान्स एवम् एक्सपेन्डिचर प्रोग्राम के तहत 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लोन राशि स्वीकृत की है. विदित हो कि यह एशियाई विकास बैंक का भारत के लिए अबतक का सबसे बड़ा लोन है. इस राशि का उपयोग भारत में  मुख्य रूप से गरीब मजदूरों व किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए किया जाएगा. 

इसके अतिरिक्त भारत एशियन विकास बैंक से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए तकनीकी सहायता भी लेगा. ज्ञात हो कि एशियाई विकास बैंक एक क्षेत्रीय विकास बैंक हैं. इसकी स्थापना 19 दिसम्बर 1966 को फिलीपिंस के मान्डायुलोन्ग शहर में हुई थी. इसका उद्देश्य एशिया में गरीबी को कम करके क्षेत्र के सामाजिक आर्थिक विकास में सहयोग करना है. बैंक की मदद के बाद नि:संदेह भारत में राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी आने की संभावना है.

कोरोना का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव हर क्षेत्र में देखा जा सकता है. उद्योग संगठन फ़िक्की यानी फेडेरेशन ऑफ़ इंडियन चैंबर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की मानें तो लॉकडाउन के हर दिन भारतीय अर्थव्यवस्था को चालीस हज़ार करोड़ रूपयों का नुक़सान हो रहा है.

संगठन की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा है कि साल 2020 के अप्रैल-सितंबर के बीच कम से कम चार करोड़ नौकरियों के जाने का ख़तरा है. ऐसे में शहरों से लौटे मजदूर कहीं न कहीं ग्रामीण भारत में रोजगार की संभावनाएं तलाश करेंगे जिससे ग्रामीण भारत में रोजगार की समस्या और भी बढ़ जाएगी.

English Summary: Asian devlopment bank favour of 15 billion us dollar loan for corona fighting in india Published on: 02 May 2020, 02:46 PM IST

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