जी 20 देशों ने धर्मशाला में हुई बैठक में संकल्प लेते हुए कहा की यदि भविष्य में हम जलवायु परिवर्तन को रोकना चाहते हैं तो सभी देशों को जीवाश्म ईधन की खपत को रोकना होगा और उसके स्थान पर हाइड्रोजन और इथेनॉल जैसे स्त्रोतों को अपनाना होगा. जी 20 देशों के सभी सदस्य देशों ने धर्मशाला में आयोजित ऊर्जा परिवर्तन के लिए ईको इनोवेशन पर जी 20 रिसर्च इनोवेशन एंड इनिशिएटिव गैदरिंग (आरआईआईजी) सम्मलेन में आगे 10 वर्षों में होने वाले नवाचारों को बताने के साथ जैव ईधन पर निर्भरता को समाप्त कर इसे हाइड्रोजन और इथेनॉल जैसे स्त्रोत पर लाने का संकल्प लिया गया.
रिसर्च एंड आरआईआईजी के प्रमुख डॉ. चन्द्रशेखर ने की अध्यक्षता
जी 20 देशो की इस बैठक में कुल 20 देशों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए थे. जिसकी अध्यक्षता डॉ चन्द्रशेखर ने की थी. सम्मलेन की अध्यक्षता दौर से गुजर रहे हैं करते हुए चन्द्रशेखर जी ने बताया की वर्तमान समय में हम ऐसे मानवीय जहां जीवाश्म ईधन का प्रयोग मानव जीवन की प्राथमिकता बन गया है. उन्होंने इस प्राथमिकता का विरोध भी किया और इसे छोड़ने के प्रयास पर नए नवाचारों पर शोध की आवश्यकता को भी जाहिर किया. उन्होंने सभी देशों के साथ एक वैश्विक संबोधन में नवीकरणीय स्त्रोतों की खोज और मानव जीवन को सरल बनाने वाली जीवाश्म ऊर्जा की निर्भरता को समाप्त करने वाली खोजों पर विशेष जोर दिया.
कौन से देश हुए सम्मिलित
इस सम्मलेन में विश्व के सभी विकसित और विकासशील देशों के जनप्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था. इसमें प्रमुख देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस फ़्रांस यूनाइटेड किंगडम संयुक्त अरब अमीरात इंडोनेशिया तुर्किये सऊदी अरब सिंगापुर नीदरलैंड स्पेन यूरोपीय संघ एवं अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
किस देश में होगी अगली बैठक
आरआईआईजी द्वारा आयोजित होने वाली अगली बैठक के लिए पहले से ही स्थान को निर्धारित कर लिया गया है. साथ ही इसके प्रबंधन के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं.
दीव में होने वाली इस बैठ का प्रमुख विषय “नीली अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में वैज्ञानिक चुनौतियां और संभावनाएं” निर्धारित किया गया है.
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