1. Home
  2. ख़बरें

अनुवांशिक रूप से संशोधित हुए मक्कई के कीट, यहां जानें इसके बारे में सब कुछ

आपने भारत की कृषि व्यवस्था के बारे में तो बहुत कुछ पढ़ा होगा और सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी चीन की कृषि व्यवस्था, खाद्य व्यवस्था व किसानों के हालात के बारे में जानने समझने की चेष्टा की है. अगर नहीं, तो यूं समझ लीजिए की आपने बिल्कुल सही ठिकाने पर क्लिक किया है.

सचिन कुमार
Makkai
Makkai

आपने भारत की कृषि व्यवस्था के बारे में तो बहुत कुछ पढ़ा होगा और सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी चीन की कृषि व्यवस्था, खाद्य व्यवस्था व किसानों के हालात के बारे में जानने समझने की चेष्टा की है. अगर नहीं, तो यूं समझ लीजिए की आपने बिल्कुल सही ठिकाने पर क्लिक किया है. इस रिपोर्ट में हम आपको चीन की कृषि व अभी हाल ही में आई वहां की एक बड़ी अपडेट से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं.

देखिए, जब हम बात चीन की कृषि व्यवस्था की करते हैं, तो वहां शुरू से ही खाद्य सुरक्षा को लेकर चर्चा चरम पर रही है, चूंकि चीन में लगातार बढ़ती जनसंख्या को खाद पदार्थ कैसे उपलब्ध कराए जाएं, यह हमेशा से ही एक बड़ा विषय रहा है. इसे लेकर कई मर्तबा चीन की खाद नीति में बदलाव किया जा चुका है.

कृषि के उत्तरोत्तर विकास के लिए देश के बीजिय उद्योग को दृढ करने की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं. इस बीच देश में सहायक नीतियों की इजाजत दी गई है, ताकि देश की कृषि व्यवस्था को एक नई रफ्तार मिल सके.     

लयु युपिंग, जो कि एक अनुभवी प्लांट ब्रिडर है, उनकी ऐसी ही मान्यता थी और इसलिए उन्होंने अपने आनुवंशिक रूप से संशोधित मक्के के बीज को "007" नाम दिया. लयु विगत दो दशकों से अपना संपूर्ण जीवन कृषि तकनीक व बीजिय उद्योग को समर्पित कर चुके है. वे कृषि में उत्तरोत्तर नवीनतम प्रयोग करते हैं. इस दौरान उन्हें सफलता व विफलताओं के दौर से गुजरना प़ड़ता है.   

वर्ष 2018 से लयु, युपिंग बॉयोटेक्नोलॉजी (हैनान) के जनरल मैनेजर हैं. वे बताते हैं कि यह एक प्रकार का कीट,जिसे हम गिर सेना कीड़ा कहते हैं,विदेशों से आयात किया गया था, लेकिन बाद में मक्कई के बीज को नष्ट कर दिया गया. आंकड़ों के मुताबिक, उत्पादन के दौरान प्रतिवर्ष तकरीबन 15 से 30 फीसद नुकसान का सामना भी करना पड़ता है.

LYU YUPING महाप्रबंधक,लॉन्गपिंग बायोटेक्नोलॉजी (हैनान) "आनुवंशिक रूप से संशोधित जीव स्वयं उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद नहीं करेगा,लेकिन यह सुनिश्चित करेगा कि नुकसान को कम से कम किया जाए,ताकि कीटनाशकों के बिना जितना हो सके उत्पादन को बनाए रखा जा सके."                                   

English Summary: Geneticaly modified makkai pests Published on: 12 April 2021, 04:08 PM IST

Like this article?

Hey! I am सचिन कुमार. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News