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GST Issue in Himachal: हिमाचल प्रदेश के बागवान हाशिये पर, कब वापस होगा GST का 10 करोड़?

हिमाचल प्रदेश में बागवानी की पैकिंग पर 6 फीसदी बढ़ोत्तरी का मुद्दा एक बार फिर से गर्म हो गया है. वहां के बागवानों ने सरकार से सेब की पैकेजिंग पर लगने वाले GST पर Reimbursement की बात की है.

रवींद्र यादव
हिमाचल प्रदेश के बागवान हाशिये पर
हिमाचल प्रदेश के बागवान हाशिये पर

हिमाचल प्रदेश में बागवान एक बार फिर से चर्चा में आ गया है. बागवानी की पैकिंग पर 6 फीसदी GST Reimbursement का मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है. क्या नई सरकार बागवानों की मेहनत की कमाई वापस करेगी या पिछली भाजपा सरकार के किये गए वादों को अनदेखा कर देगी. इस मुद्दे पर बागवान और किसान खुद अभी तक ठगा सा महसूस कर रहे हैं.

आखिर क्या है मामला?

हिमाचल प्रदेश अपनी सेब की खेती के लिए जाना जाता है. सेब यहां के लोगों के आय का एक मुख्य जरिया है. सेब हिमाचल की अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख भूमिका निभाता है. परन्तु पिछले आम बजट 2022 के दौरान हिमाचल के बागवानों पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया और सेब पर होने वाली पैकेजिंग पर 6% जीएसटी की बढ़ोत्तरी कर दी. जिसकी वजह से सेब बागवानों पर खर्च का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया. जिससे बागवान प्रदेश की सरकार से खफा हो गए और सड़क पर उतर कर इस निर्णय का विरोध करने लगे थे. इस दौरान बागवानों ने सरकार के इस फैसले को वापस लेने के लिए जेल भरो आन्दोलन भी चलाया. आपको बता दें, इस प्रोटेस्ट के समय प्रदेश की तत्कालीन सरकार भाजपा के जयराम ठाकुर के नेतृत्व में थी. संयुक्त किसान मंच के सह संयोजक संजय चौहान ने बताया कि हमने अब की वर्तमान सरकार से 6 फीसदी GST प्रतिपूर्ती के बारे मे निवेदन किया है, लेकिन अभी तक सरकार से कोई ठोस जवाब नहीं मिला है. हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से एक 20 सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंपा है, जिसमें ये GST प्रतिपूर्ति की मांग भी शामिल है. मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि जल्द ही हमारी मांगों को पूरा किया जायेगा.

चुनाव के डर से आनन-फानन में लिया गया निर्णय!

बागावानों के जीएसटी विरोध के आन्दोलन से तत्कालीन भाजपा की जयराम सरकार घबरा गई थी.  चूँकि 2022 विधान सभा चुनाव नवंबर माह में होने थे, इसलिए सरकार ने आनन-फानन में 6% GST को वापस करने का फैसला सुना दिया था. GST वापस देने के लिए तत्कालीन जयराम सरकार द्वारा 1 अगस्त 2022 को सरकारी आदेश भी पारित कर दिया था, जिससे बागवानों को राहत मिल गई थी, लेकिन चुनाव होने के बाद अब प्रदेश की सरकार बदल चुकी है. अब बागवानों का पैसा वापस मिलेगा या नहीं, ये निर्णय वर्तमान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के हाथो में आ गया है.

क्या होगा कांग्रेस सरकार का फैसला?

चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने बागवानों के सरकार के खिलाफ के विरोध का पूरी तरह से सहयोग किया था और उनकी सरकार आने पर बागवानों की मांगों को पूरा करने का वादा भी किया था. हालाकिं प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने सभी वादे पूरे करने की जी तोड़ कोशिश कर रही है. ऐसे में ओपीएस बहाली और 1500 रुपये हर महीने महिलाओं को देने की योजना से सरकार के बजट पर एक अतिरिक्त दबाव पहले से ही है. ऐसे में क्या सरकार बागवानों की इस मांग को पूरा कर पाएगी या नहीं यह तो आने वाले समय में ही स्पष्ठ हो पाएगा.

ये भी पढ़ेंः चन्द्र कुमार बने हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री, बागवानी मंत्रालय जगत सिंह नेगी को सौंपा, जानिए बाकी किसे मिला कौन-सा मंत्रालय

क्या कहती है सरकार?

हिमाचल प्रदेश बागवान मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि इस बारे में सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन जल्द ही GST की प्रतिपूर्ति को लेकर बैठक कर इस पर विचार किया जायेगा.

English Summary: Gardeners of Himachal Pradesh on the margins, when will 10 crores of GST be returned? Published on: 03 February 2023, 02:51 PM IST

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