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बुद्धि के भगवान गणपति का आ रहा है जन्मोत्सव, जानिए समय एवं तिथि

हिंदू देवी देवताओं में गणपति को सौभाग्य, ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है. भगवान गणेश को गजानन, गणपति, एकदंत और गजमुख जैसे प्रमुख नामों से भी जाना जाता है. हर साल लोग भगवान गणपति का जन्म गणेश चतुर्थी को उनके जन्मोंत्सव के रूप में मनाते है. बता दें कि गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल हिंदू पचांग के भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को पड़ा है. इस साल गणेश चतुर्थी की शुरूआत 2 सितंबर से शुरू हो रही है. इसी दिन लोग अपने घरों में बप्पा का आगमन करेंगे और उनको विधि-विधान से स्थापित करेगें. इस दिन को विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. दो सितंबर से लेकर आने वाले दस दिनों तक मूर्ति को स्थापित कर लोग गणेश उत्सव को मनाएंगे.

किशन
genesh chaturti

हिंदू देवी देवताओं में गणपति को सौभाग्य, ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है. भगवान गणेश को गजानन, गणपति, एकदंत और गजमुख जैसे प्रमुख नामों से भी जाना जाता है. हर साल लोग भगवान गणपति का जन्म गणेश चतुर्थी को उनके जन्मोंत्सव के रूप में मनाते है. बता दें कि गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल हिंदू पचांग के भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को पड़ा है. इस साल गणेश चतुर्थी की शुरूआत 2 सितंबर से शुरू हो रही है. इसी दिन लोग अपने घरों में बप्पा का आगमन करेंगे और उनको विधि-विधान से स्थापित करेगें. इस दिन को विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. दो सितंबर से लेकर आने वाले दस दिनों तक मूर्ति को स्थापित कर लोग गणेश उत्सव को मनाएंगे.

पापों का होता है नाश

अगर हम भारतीय संस्कृति की बात करें तो गणेश को विद्या और बुद्धि का प्रदाता, विनायक, मंगलकारी, रक्षक, सिद्धिदायक, समृद्धि, शाक्ति, सम्मान प्रदायक माना गया है. गणपति को लेकर पुराणों में काफी कथाएं प्रचलित है. कहते है कि मंगलवार के दिन अगर कभी भी गणेश चतुर्थी पड़ती है तो उसको अंगारक चतुर्थी भी कहा जाता है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से और व्रत करने से पापों का विनाश होता है. वही अगर गणेश चतुर्थी रविवार के दिन पड़े तो चतुर्थी को अत्यंत ही शुभ और फलदायी माना गया है. वही महाराष्ट्र में यह पर्व गणेशोत्सव काफी भव्य तौर पर मनाया जाता है. लोग पूरी ही श्रृद्धा और भाव से अपने बप्पा को घर में स्थापित करते है.

गणेशोत्सव से जुड़ी मान्यताएं

गणेश चतुर्थी के दिन लोग मिट्टी से बनी हुई भागवान गणेश की मूर्तियां अपने घरों में स्थापित करते है. इस पूजा के कुल 16 चरण होते है जिसे शोदशोपचार पूजा के नाम से भी जाना जाता है.इस पूजा के दौरान भगवान गणेश के पसंदीदा लड्डू भोग में लगाए रखे जाते है. इसमें मोदक, श्रीखंड, नारियल चावल, और मोतीचूर के लड्डू शामिल है, इन दिनों भक्त अपने देवता की रोज सुबह और शाम को आरती करते है. साथ ही वह भजन संध्या का भी आयोजन करते है.

जाने गणेश चतुर्थी के समय

गणेश चतुर्थी - 2 सितबंर 2019, विर्सजन की तिथि- 12 सितंबर 2019, गणेश पूजा और स्थापना- दोपहर 11.05 से लेकर 01.36 तक, चंद्रमा को न देखने का समय- सुबह 8.55 से लेकर शाम 9 बजे तक है. हालांकि इस दिन पूरे ही दिन आप बप्पा को शुभ मुहुर्त में स्थापित कर सकते है.

English Summary: Ganesh Chaturthi is coming, know what is the time of worship Published on: 30 August 2019, 01:52 PM IST

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