कृषि से संबन्धित सभी बिजनेस को बढ़ावा मिले सके, इसके लिए केंद्र व राज्य सरकारें एक समयांतराल पर पहल करती रहती हैं. इस क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ी पहल किया है. दरअसल, उत्तर प्रदेश में कृषि, डेयरी या फिर उद्यान की पढ़ाई करने वाले छात्र अब उद्यमी बनेंगे. इसके लिए सभी जिलों में कृषि प्रशिक्षितों का चयन किया जा रहा है.
खाद, बीज और कीटनाशक बिक्री करने के लिए मुफ्त में मिलेगा लाइसेंस
गौरतलब है कि उन्हें उद्यम चलाने का प्रशिक्षण देकर खाद, बीज और कीटनाशक आदि की बिक्री करने का मुफ्त में लाइसेंस भी मिलेगा. चयनितों अभ्यर्थियों को बैंकों से लोन मिलेगा और सरकार ब्याज पर सब्सिडी देगी. इसके साथ ही 1 साल तक उनकी दुकान के किराए का भुगतान भी होगा.
कृषि उद्यमी स्वावलंबन योजना
दरअसल, कृषि विभाग ने प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलंबन योजना (एग्री जंक्शन) फिर शुरू की है. वहीं इस योजना के तहत 1000 युवाओं को चुनने की तैयारी है, बशर्ते उन्होंने कृषि, डेयरी या फिर उद्यान आदि की स्नातक तक पढ़ाई की हो और आयु 45 वर्ष से कम हो या फिर 45 वर्ष हो.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि उत्तर प्रदेश के हर विकासखंड से एक-एक अभ्यर्थी को लाभ दिलाया जाएगा, यदि उस ब्लाक में कोई भी युवा कृषि आदि में स्नातक नहीं है, तो कृषि विषय से इंटर या डिप्लोमा किए उत्तीर्ण छात्रों को मौका दिया जाएगा. वहीं, प्रत्येक जिलों में उप निदेशक कृषि व बैंक के अधिकारी आवेदनपत्र लेकर युवाओं को नामित करेंगे.
चयनितों को 12 दिन का दिया जाएगा प्रशिक्षण
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, उप निदेशक कृषि एके श्रीवास्तव ने बताया कि विभाग का यह मानना है कि कृषि की पढ़ाई करने वाले युवा दुकान संचालित करने में किसानों को खाद, बीज व कीटनाशक आदि के बारे में जानकारी भी दे सकेंगे, क्योंकि अन्य दुकानदार ऐसा नहीं कर पाते हैं. वहीं चयनितों को ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की ओर से उन्हें 12 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसमें उन्हें बिजनेस प्लान भी समझाया जाएगा, ताकि वे बेहतर उद्यमी बन सकें.
साढ़े तीन लाख रुपये मिलेगा बैंक लोन
वहीं, हर लाभार्थी को 4 लाख रुपये की मदद की जाएगी, जिसमें 50 हजार रुपये लाभार्थी को खुद लगाना होगा, जबकि साढ़े तीन लाख रुपये का बैंक से लोन दिलाया जाएगा. उप निदेशक कृषि एके श्रीवास्तव ने बताया कि लोन पर लगने वाले ब्याज पर सरकार 42 हजार रुपये सब्सिडी देगी.
साथ ही 1 साल तक उनकी दुकान के किराये (अधिकतम एक हजार रुपये) का भी भुगतान राज्य सरकार करेगी. इसके अलावा, श्रीवास्तव ने बताया कि योजना में चयनितों को खाद, बीज व दवा के लिए मुफ्त में लाइसेंस दिलाया जाएगा. चयनित वहां पर खेती से जुड़ी अन्य सामानों की भी बिक्री कर सकते हैं.
खाद बीज व कीटनाशक विक्रेता बनने के लिए जरूर दस्तावेज (Documents required to become a fertilizer, seed and pesticide seller)
• पासपोर्ट साइज फोटो
• आधार कार्ड
• पैन कार्ड
• स्नातक की मार्कशीट
• दुकान का नक्शा
• यदि आप की दुकान किराए पर है, तो आपको रेंट सर्टिफिकेट भी लगाना पड़ेगा
खाद विक्रेता बनने के लिए कैसे करें ऑनलाइन आवेदन (How to apply for online become a fertilizer seller)
• सबसे पहले कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर जाकर अपना आधार कार्ड निबंधित करना होगा.
• उसके बाद आपको साइट पर फार्म दिखेगा. फिर उस फार्म के लिंक में मांगी गई सभी जानकारी को भरें.
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फिर मांगे गए सभी जरूरी कागजात भी स्कैन कर अपलोड करें.
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फिर उस हार्ड कॉपी को एक सप्ताह के भीतर ही संबंधित कार्यालय में जाकर जमा करवाएं.
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उसके बाद विभाग द्वारा प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
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फिर हार्ड कॉपी जमा करने के एक महीने के भीतर ही आवेदक को या तो लाइसेंस मिल जाएगा या फिर उसके लाइसेंस को रद्द कर दिया जायेगा.
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