पशुपालन व्यवसाय आज एक बड़े पैमाने पर फैलता जा रहा है. इस व्यवसाय की ओर किसानों को आकर्षित करने के लिए राज्य और केंद्र दोनों ही सरकारें समय-समय पर अनुदान मुहैया करती रहती हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘अतिरिक्त चारा विकास कार्यक्रम’ नाम से एक नई योजना शुरू की है. इस योजना के अंतर्गत पशुपालकों को पशुओं के चारे के लिए मुफ्त ज्वार का बीज दिया जा रहा है. इसके साथ ही चारा को तैयार करने के लिए डीएपी व यूरिया भी नि:शुल्क मिलेगा. पशुपालन विभाग ने योजना के तहत पशुपालकों से आवेदन मांगे हैं.
गौरतलब हैं कि आवारा मवेशियों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने की समस्या से परेशान हो चुके किसान धीरे-धीरे पशुपालन से अपने पैर पीछे खींचने लगे हैं. इसी के मद्देनज़र सूबे की योगी सरकार ने किसानों की पशुपालन के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए चारा उत्पादन करने के लिए मुफ्त में ज्वार देने की योजना शुरू की है. हालांकि इस योजना का लाभ लेने के लिए पशुपालकों के पास कम से कम दो दुधारू पशु होने चाहिए. इसके साथ ही उनके पास सिंचाई की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो.
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि ‘आवेदन करने के लिए लाभार्थी के पास स्वयं की जोत हो जिसका सत्यापन खसरा खतौनी से किया जाएगा.’ हालांकि लघु एवं सीमांत किसानों व पशुपालकों को योजना का लाभ देने के लिए चयन में थोड़ी वरीयता दी जाएगी. न्यूनतम एक हेक्टेयर एवं अधिकतम 5 हेक्टेयर भूमि चारा उत्पादन के लिए उपलब्ध होनी चाहिए. इस योजना में कामधेनु, मिनी कामधेनु तथा माइक्रो कामधेनु के लाभार्थियों को भी योजना के अंतर्गत चयनित किया जा सकता है.
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति और महिला लाभार्थियों को नियमानुसार चयन में वरीयता दी जाएगी. पीसीडीएफ के अंतर्गत संचालित प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के सदस्यों का भी चयन किया जाएगा. प्रति लाभार्थी को 0.1 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बुआई के लिए 3 किलोग्राम ज्वार चारा बीज, 10 किलोग्राम डीएपी एवं 25 किलोग्राम यूरिया नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी. मुख्य सतर्कता अधिकारी के मुताबिक, अंत्योदय ग्राम के लाभार्थी सूची में अवश्य सम्मिलित किए जाएंगे.
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