जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गया जिले के 1110 हेक्टेयर जमीन में सब्जी उगाने का लक्ष्य है। कृषि विभाग की पहल पर संचालित इस योजना के तहत जिले भर में प्रति दिन कुल 1740 क्विंटल सब्जी उत्पादन का लक्ष्य है।
उगाई गई सब्जियों पर सरकार 75 प्रतिशत तक का अनुदान भी देगी। इसके लिए जिले भर के इच्छुक किसानों से आवेदन लिया जा रहा है। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 10 जनवरी है।
आत्मा के परियोजना निदेशक नीरज वर्मा ने बताया कि इच्छुक सभी किसान अपने संबंधित प्रखंड कृषि कार्यालयों से फार्म प्राप्त कर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन सही पाये जाने पर संबंधित किसानों को उनके ही प्रखंड कृषि कार्यालयों में योजना से संबंधित दो दिवसीय ट्रेनिंग दी जायेगी।
अब तक कुल 800 हेक्टेयर के लिए आया है आवेदन
उद्यान विभाग के जिला सहायक निदेशक राकेश कुमार ने बताया कि संबंधित योजना के लिए जिले भर से अब तक कुल 800 हेक्टेयर जमीन में उत्पादन संबंधित आवेदन आया है। योजना के लिए चयनित सभी किसानों को मुख्य रूप से बैगन, भिन्डी, करेला, नेनुआ, झिंगी, मिर्च, कद्दु, गाजर, मूली, फूलगोभी, टमाटर, खीरा, मटर व प्याज आदि सब्जियों की जैविक विधि से खेती करनी है।
दो प्रकार के बीजों की करनी है बुआई
विभाग के निर्देश पर वीआईयूसी (वेजिटेबल इनिशिएटिव फॉर अर्बन क्लस्टर) नामक इस योजना के तहत जिले भर में सब्जियों के मुख्य रूप से दो प्रकार की बीज बोये जाने हैं। इन बीजों में हाइब्रिड व ओपेन फिल्ड में बोई जाने वाली बीज शामिल हैं। जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि जैविक तकनीक से उगायी गई सब्जियों का रसायनिक दवाओं के उपयोग से उगायी गई सब्जियों के मुकाबले अधिक मूल्य मिलेगा।
इसका सेवन मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी है, जो पर्यावरण को भी सुरक्षित रखेगा। उन्होंने बताया कि निर्धारित लक्ष्य के चार सौ हेक्टेयर जमीन में हाईब्रिड जबकि 710 हेक्टेयर में ओपेन फिल्ड की बीजें बोयी जानी है।
साभार
हिंदुस्तान. कॉम
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