देश में खेती को लेकर पहले कई प्रयोग किए जा चुके हैं और कई प्रयोगों में भारत को सफलता हासिल हो चुकी है. इसी के साथ देश को खेती की क्षेत्र में एक और सफलता हासिल हुई है. देश में पहली बार हिंग की खेती में सफलता दिखाई दे रही है. भारत में अभी तक हिंग की खेती संभव नहीं हो सकी थी या फीर यूं कहें की यहां एक ग्राम भी हिंग की उत्पादन नहीं हो सकी थी. हांलाकि अगर खपत की बात करें तो भारत में हिंग की खपत सबसे ज्यादा है.
देश में हिंग की खेती की शुरुआत हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति से हुई है. इंडियन कॉफी बोर्ड के सदस्य डॉ.विक्रम शर्मा और हिमाचल सरकार के वजह से संभव हो पाया है. डॉ. शर्मा ने इसके बीज को इरान और तुर्की से मंगाकर यहां इसकी बीज तैयारल की है. इसके साथ ही पहांड़ी इलाकों में रह रहे किसानों के लिए अच्छी खबर यह है की वहां के किसानों को यह बीज और पौधे मुफ्त में देंगे. जानकारी के अनुसार हिंग का बाजार भाव इस वक्त 35 से 40 हजार रुपए प्रति किलो है.
कहां की जा सकती है हिंग की खेती:
हिंग की खेती उन स्थानों पर की जा सकती है जहां तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है. यानी इसका पौधा 0 से 35 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सह सकता है. और ऐसा तापमान आमतौर पर पहाड़ी इलाकों में ही संभव हो सकता है.
मौजूदा समय में भारत हिंग के लिए पूरी तरहे से आयात पर निर्भर है. देश में हिंग की खेती न होने के कारण यह दूसरे देशों से आयात किया जाता है और इसमें काफी खर्च होता है.
हींग की खेती की अधिक जानकारी के लिए इस विडीयो को देखें
जिम्मी (पत्रकार)
कृषि जागरण
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