देश में कोरोना महामारी के बीच आम जनता के लिए एक अच्छी खबर है. कृषि मंत्रालय ने साल 2021-22 के खाद्यान्न उत्पादन का दूसरा अनुमान जारी कर दिया हैं. इस अनुमान के मुताबिक, देश में इस साल यानि 2021-22 के खदान उत्पादन का रिकॉर्ड बढ़ने का अनुमान है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में धान, गेहूं, तिलहन और गन्ने का रिकॉर्ड 316.06 मिलियन टन होने का अनुमान बताया जा रहा है. यह अनुमान साल 2020-21 के 310.75 मिलियन टन से 5.32 मिलियन टन से ज्यादा है.
कृषि और कल्याण मंत्रालय ने कहा की इस साल सभी प्रमुख फसलों का उत्पादन रिकॉर्ड बढ़ने का अनुमान है. देश में खरीफ और रबी सीजन की फसलों से 127.93 मिलियन टन चावल होने की आशंका जताई जा रही है, जो की अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड साबित होगा. अगर बात करें, हम पिछले साल यानी 2020-21 में यह उत्पादन 124.37 मिलियन टन हुआ था.
उधर, गेहूं का उत्पादन चावल की अपेक्षा में कम होता है. पिछले साल इसका उत्पादन देश में 109.5 मिलियन टन था और इस साल इसके उत्पादन 111.32 मिलियन टन होने का अनुमान है.
इस विषय में कृषि और कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि, देश लगातार खाद्यान्न उत्पादन में आगे बढ़ रहा है और हर साल एक नया रिकॉर्ड बना रहा है. यह सब देश के किसान-भाइयों-बहनों की कड़ी मेहनत और लगन से ही संभव हो पाता है. साथ यह इसमें देश के वैज्ञानिकों के कुशल अनुसंधान का भी हाथ है. जो किसानों के लिए नई-नई नीतियों को लाते है.
देश में तिलहन का रिकॉर्ड उत्पादन (Record production of oilseeds in the country)
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल तिलहन का रिकॉर्ड बढ़ने का भी अनुमान है. सभी 9 तिलहनों सरसों, रेप सीड, मूंगफल, सूरजमुखी, सोयाबीन, नाइजरा सीड. अरंडी. तिल. अली का उत्पादन 37.15 मिलियन टन होने का अनुमान है. बता दें कि पिछले साल देश में खाघ तेल की कीमतों ने आम जनता को काफी परेशान किया था, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा.
पोषक/मोटे अनाज का उत्पादन (Nutrient/coarse grain production)
कोरोना काल में मोटे अनाज का मांग बाजार में काफी तेजी से बढ़ी है. जिसके चलते देश के किसानों का रुझान इस फसल की तरफ और भी अधिक हो गया है. जिसके मुताबिक, इस साल देश में मोटे अनाज का उत्पादन 49.86 मिलियन टन होने का अनुमान है. पिछले साल में मोटे अनाज का उत्पादन 3.28 मिलियन टन से भी अधिक है. भारत सरकार दुनिया भर में मोटे अनाज को लोकप्रिय बनाने के लिए 2023 को मोटे अनाज वर्ष के रूप में मनाएंगी.
उधर, वहीं मक्के का उत्पादन इस साल 32.42 मिलियन टन होने का अनुमान है और ज्वार का उत्पादन 4.31 मिलियन टन है. अगर हम बाजरे की बात करें, तो इसका उत्पादन इस साल 9.22 मिलियन टन का अनुमान है. इसके अलावा साल 2021-22 में रागी का लगभग उत्पादन 1.67 मिलियन टन है.
दलहन का रिकॉर्ड (record of pulses)
इस साल दलहन उत्पादन में भी भारी उछाल देखने को मिल सकती है. आनुपातिक रिकॉर्ड के मुताबिक, साल 2021-22 में इसका उत्पादन 26.96 मिलियन टन तक पहुंच सकता है. जिसमें तुर, उड़द, मूंग, मसूर और दूसरी दलहनें फसलें ही शामिल हैं. देखा जाए, तो देश में सबसे अधिक चने का उत्पादन किया जाता है. अकेले साल 2021-22 में तने का उत्पादन 13.12 मिलियन टन का उत्पादन है. अगर बाकी सभी दलहन की भी बात करें, तो तुर का उत्पादन 4.00 मिलियन टन और उड़द का 2.66 मिलियन टन होने का अनुमान है. वहीं मूंग का उत्पादन 3.06 मिलियन टन होने का अनुमान है.
गन्ने का उत्पादन (sugarcane production)
देश में गन्ने का उत्पादन सबसे अधिक मात्रा में किया जाता है. इसका उत्पादन मुख्यतः यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक समेत कई राज्यों में किया जाता है. इस साल इसका उत्पादन 414.04 मिलियन टन अनुमानित है. जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है. वहीं देश में कपास का उत्पादन 34.06 मिलियन टन है और पटसन व मेस्ता का 9.57 मिलियन टन उत्पादन है.
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