मत्स्य पालन क्षेत्र इन दिनों मुनाफे का बिजनेस बनता जा रहा है. इसके लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकार भी प्रयासरत हैं. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने मछली पालकों को बड़ा तोहफा दिया है.
विशाल मछुआ सम्मेलन में मछली पालकों को मिला 2 करोड़ रुपये
दरअसल, हाल ही में इदौंर में विशाल मछुआ सम्मेलन का आयोजन किया गया था. जिसमें राज्य के मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट द्वारा जिले के 250 से अधिक मछली पालकों को 2 करोंड़ से ज्यादा रुपये के साधन एंव सुविधाएं वितरित किए गए.
अब आधुनिक व उन्नत तकनीक से होगा मछली पालन
इंदौर के 250 मछली पालकों पर दो करोड़ रुपये की राशि खर्च करने के पीछे मध्य प्रदेश सरकार का उद्देश्य उन्हें आधुनिक एवं उन्नत तकनीक से जोड़ना है. राज्य सरकार का मानना है कि आधुनिक युग में मछुआरों को भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने की जरूरत है जिससे उनका समय, खर्च और नुकसान तीनों ही होने से बचेगा. इसके साथ ही उन्नत और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर मछुआरें अपनी आमदनी को भी बढ़ा सकेंगे.
सांवेर में नया मछली मार्केट बनाने की घोषणा
इसके मद्देनजर मत्स्य विकास मंत्री सिलावट ने सांवेर मछुआ सम्मेलन में कहा की आज का परिवर्तन और आधुनिक तकनीक का है. इसके मद्देनजर ही मछुआरों को भी मछली पालन के आधुनिक तौर-तरीके सिखाये जा रहे हैं. इस दौरान उन्होंने सांवेर में एक नया मछली मार्केट बनाने और सामुदायिक भवन बनाने की घोषणा भी की.
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मछली पालकों को दी गई ये सुविधाएं
मध्य प्रदेश जनसंपर्क के मुताबिक, मछुआ समाज के मछली का बिजनेस करने वालो 25 युवाओं को मोटर साईकिल और स्कूटर आइस बॉक्स के साथ दी गई है. 150 से ज्यादा मछुआ भाईयों को मछुआ किट दी गई. जिससे युवाओं को घर बैठे ही रोजगार मिलेगा और लोगो को फ्रेश मछली मिल सकेगी. मछली विक्रय के लिए दो किसानों को फिश कियोस्क स्थापना के लिए 12 लाख रुपए दिए गए हैं. हैचरी निर्माण के लिए 15 लाख रुपए, फिश मिड मिल के लिए 78 लाख रुपए की मदद प्रदान की गई.
इसी तरह 10 ऐसे मत्स्य पालक/ किसान जो अपने खेत में मछली पालन के लिए तालाब निर्माण करना चाहते हैं, उन्हें 44 लाख रुपए की, बायोफ्लाक पॉण्ड निर्माण के लिए 11 लाख रुपए की मदद दी गई है. इसी तरह 50 मछुआरों को क्रेडिट कार्ड भी दिया गया है. 150 मछुआरों को 5 लाख रुपए लागत की मछुआ जाल किट दी गई है.
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