पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर मार्च के हिंसक होने के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 83 लोगों को 2 लाख रुपये के मुआवजे देने का ऐलान किया था. अब इसी क्रम में सीएम चन्नी ने एक नई घोषणा की है.
दरअसल, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से बीते दिन संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने चंडीगढ़ में मुलाकात की जहाँ उन्होंने कहा की जो भी एफआईआर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज हुई है उसको रद्द किया जायेगा. साथ ही उन्होंने किसानों से भविष्य में धान की पराली में आग नहीं लगाने के लिए भी कहा.
मुख्यमंत्री ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में राज्य में दर्ज किसानों के खिलाफ सभी प्राथमिकी रद्द करने का भी वादा किया. चन्नी ने ये वादे यहां पंजाब के 32 कृषि निकायों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान किए.
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए, चन्नी ने किसानों की मांगों को स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्य में कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के खिलाफ पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज सभी प्राथमिकी रद्द कर देगी.
इसके साथ ही हम चाहते हैं कि भविष्य में कोई भी किसान पराली न जलाए और सरकार उल्लंघन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. उन्होंने आगे कहा, लेकिन अगर पराली जलाने से जुड़ी कोई पुरानी प्राथमिकी किसी के खिलाफ है तो हम उसे रद्द कर रहे हैं.
वही दूसरी तरफ सीएम चन्नी ने किसानों से अपील की और कहा कि किसानों से मेरा अनुरोध है कि वे पुआल को आग न लगाएं, क्योंकि इससे प्रदूषण होता है. चन्नी का यह बयान पंजाब में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं के बीच आया है, जिसमें इस सीजन में इस तरह की लगभग 69,000 से अधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं.
इसके अलावा वहीं सीएम चन्नी ने कहा कि वह इस मामले में चंडीगढ़ गवर्नर से भी मुलाकात करेंगे, साथ ही गवर्नर से ये निवेदन भी करेंगे कि किसानों के ऊपर जो केस चंडीगढ़ में दर्ज हैं उन्हें रद्द कर दिए जाएं.
पराली जलाने से बढ़ रहा प्रदूषण (Increasing Pollution Due To Stubble Burning)
पराली जलाने पर दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों में प्रदूषण की समस्या बहुत बढ़ रही है जिसके चलते राज्य सरकार एक्शन में आ गयी है. बता दें इस बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए स्कूलों को बंद करने और निर्माण कार्य पर प्रतिबंध सहित कई आपातकालीन घोषणा की है.
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