आजकल मशीन उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना व्यक्ति के लिए खाना. व्यक्ति सारे काम अब मशीन से करने लगा है चाहें वह घर का काम हो या फिर खेतों का ही क्यों न हो.
खेतों में श्रमिकों की संख्या कम करने के मद्देनज़र या फिर छुट्टा जानवरों से फसल सुरक्षा के दृष्टिकोण से मशीनों का चलन शुरु हो चुका है.
किसान द्वारा दिन रात की मेहनत के बाद उगाई गई फसल कई बार छुट्टा (जंगली) जानवरों के प्रकोप के चलते नष्ट हो जाती है. इस समस्या के निवारण के लिए कई छोटी से बड़ी कंपनियां मशीनों के निर्माण कार्य कर रही है जिसका एक उदाहरण यह पल्स मशीन है जो कि निधि पल्स रक्षक प्राइवेट लिमिटेड मशीन द्वारा बनाई गयी है.
यह मशीन खेत, घर या मैदान ऐसे ही तमाम जगहों पर लगाई जाती है ताकि कोई भी जानवर खेत में या घर में ना जा सके. इस मशीन का करेंट एम्पियर रहित है यह मशीन 1 मिनट में 75 बार फ्लैस करती है इसकी क्षमता डेढ़ बीघा से 25 एकड़ तक है. इस मशीन के जरिये कोई भी व्यक्ति या फिर जानवर नहीं मरेगा.
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बल्कि इस मशीन का आभास करके जंगली जानवर खेतो में नहीं घुसेंगे और फसलो को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचेगा यह मशीन किसानों के लिए बहुत लाभदायक है. इस मशीन की निर्माता कंपनी का दावा है कि इसके प्रयोग से बंदरों द्वारा सौ प्रतिशत सुरक्षा होती है.
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