बाढ़ और भारी बारिश की मार झेल चुके किसानों के लिए बेहद अच्छी खबर है. दरअसल मध्यप्रदेश में जिन किसानों की फसल बाढ़ से बर्बाद हुई है उन सभी को तत्काल 25 फीसदी बीमा राशि प्राप्त होगी. इसके लिए उन सभी किसान जिनकी फसल बर्बाद हुई है उनको अपने पोर्टल पर जानकारी देनी होगी. यह काम बैंकों के द्वारा किया जा रहा है, जिसके लिए बीमा कंपनियों ने अपने पोर्टल को चालू कर दिया है. बता दें कि राज्य में 30 लाख से ज्यादा किसानों ने खरीफ फसलों के लिए प्रधानमंत्री पसल बीमा करवाया है. इसमें वह किसान भी शामिल है, जिन्होंने बैंकों से कर्ज नहीं लिया है.
नुकसान के आधार पर तय होगी राशि
यहां पर कृषि संचालकों ने बीमा कंपनियों और बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके किसानों की सूची को दर्ज करने का निर्देश दिया है. बैठक के दौरान फैसला लिया गया है कि जिन किसानों की फसलें बर्बाद हुई है उन सभी की जानकारी इस पोर्टल पर व्यक्तिगत तौर पर दर्ज की जाएगी. यह काम बैंकों की ओर से किया जाएगा. इन सबके लिए कलेक्टर प्रमाणित करेंगे कि किस क्षेत्र में फसल को कितना नुकसान पहुंचा है. पिछले पांच सालों में क्षेत्र की औसत उत्पादकता का नुकसान से आकलन किया जा सकेगा. इसके आधार पर फसल बीमा की राशि तय होगी. यदि किसी भी तरह से पूरी तरह नष्ट हो गई है तो फिर उनको सौ फीसद बीमा मिलेगा. वही फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है पर औसत उत्पदकता कम है तो बीमा राशि कम रहेगी.
कई फसलें हुई चौपट
बता दें कि स साल मध्य प्रदेश में बारिश से आधे से ज्यादा जिले काफी प्रभावित हुए है. सबसे ज्यादा फसलों का नुकसान मध्य प्रदेश के मालवा में सबसे ज्यादा नुकसान देखा गया है. यहां के खेत को तालाब बनाया गए और बाढ़ से फसलें बह गई. इसमें लगभग 53 लाख 90 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत तक फसलें क्षतिग्रस्त हुई है. मंदसौर, नीमच, आगर, मालवा, शाजापुर सहित अन्य जिलों के ज्यादातर क्षेत्रों में न तो सोयाबीन बचा है और न ही मूंग और उड़द. करीब 60 लाख 47 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की 16 हजार 270 करोड़ रुपए की लागत की फसल चौपट हुई है.
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