खराब बीज की वजह से फसलों का नुकसान झेल रहे किसानों के लिए एक अच्छी खबर है. केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के दावों की अगर बात करें तो सरकार जल्द ही देश के सभी ब्लॉकों में सीड लैब खोलेगी. इन सीड लैब की मदद से किसान बुआई से पहले बीज की जांच करा सकेंगे. सरकार ने सभी राज्यों को सीड लैब खोलने का प्रस्ताव भेज दिया है. वहीं किसानों को यह भी हक दिया जा रहा है की अगर प्रयोगशाला में जांच के दौरान बीज नकली अथवा खराब पाया जाता है तो किसान सीधे उपभोक्ता संरक्षण विभाग को इसकी शिकायत कर सकेंगे. सीड लैब के जरिए युवाओं को रोजगार भी मुहैय्या कराई जाएगी और लैब में नियुक्त के लिए कृषि विज्ञान में स्नातक स्थानीय युवाओं को वरियता दी जाएगी. लैब में बीज की गुणवत्ता जांचने का खर्च भी काफी कम मात्र 30 से 40 रूपए का होगा. किसान बीज की क्षमता जांच के नतीजों के आधार पर जान सकेंगे.
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खराब गुणवत्ता वाली बीज की किसान करवा सकेंगे शिकायत:
अगर जांच के दौरान बीज की गुणवत्ता खराब निकलती है तो किसान उपभोक्ता संरक्षण विभाग में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. शिकायत का निपटारा करते वक्त खराब बीज की वजह से होने वाले फसली नुकसान का मुआवजा भी दिलाएंगे. सरकार का दावा है की देश में बीज जांच करने वाली प्रयोगशालाओं की संख्या काफी कम है और निजी प्रयोगशाला जांच के नाम पर किसानों से मोटी रकम वसूलती है जिसकी वजह से किसान यहां जाने से परहेज करते हैं.
सीड लैब योजना के लिए 600 करोड़ का बजट आवंटित
सीड लैब बनाने की योजना पर केंद्र और राज्य मिलकर काम करेंगे. कृषि मंत्रालय ने सीड लैब योजना के लिए फिलहाल छह सौ करोड़ का बजट आवंटित किया है. अगर जिला स्तर की बात करें तो प्रयोगशाला के लिए 408 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गयी है और ब्लॉक स्तर के लिए 198 करोड़ की परियोजना को मंजूरी दी गई है.
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