खरीफ की फसलों की कटाई के बाद अब रबी की फसलों की बुवाई शुरू होने वाली है. फसलों की बुवाई के समय किसान कई अन्य चीज़ों पर निर्भर रहते हैं. जैसे खेतों में ठीक ढंग से सिंचाई से लेकर अनुकूल वातावरण तक.
वहीं अच्छी और उच्च श्रेणी वाली उपज के लिए किसानों की निर्भरता खाद पर भी होती आई है. खाद अच्छी क्वालिटी और सही मात्रा में डाली जाए, तो उससे फसलों की उपज में काफी वृद्धि होती है.
ऐसे में किसान खाद को लेकर काफी चिंतित रहते हैं. इस बीच देश के कई राज्यों से खाद की किल्लत की खबरें आ रही हैं. खाद वितरणों केंद्रों पर किसानों की लंबी कतारें देखने को मिल रही है. हाल ही में सरकार ने डीएपी पर सब्सिडी को बढ़ाकर किसानों को राहत दी है. अगर सरकार सब्सिडी नहीं बढ़ाती तो किसानों को डीएपी के लिए अधिक खर्च करना पड़ता. केंद्र सरकार ने 12 अक्टूबर को डीएपी पर सब्सिडी 24,231 रुपए से बढ़ाकर 33,000 रुपये प्रति टन करने की मंजूरी दी थी.
आपको बता दें पहले 50 किलोग्राम वाले डीएपी के एक पैकेट की कीमत 2411 रुपये थी. इसमें से सरकार सब्सिडी के रूप में 1211 रुपये देती थी और किसानों को 1200 रुपये में डीएपी मिल जाता. पिछले दिनों पर अगर नजर डालें तो डीएपी की कीमत बढ़कर 2850 रुपये हो गई. ऐसे में किसानों की जेब पर जब अधिक बोझ बढ़ने लगा तो इसे देखते हुए सरकार ने सब्सिडी का पैसा बढ़ाने का निर्णय लिया.
सरकार ने सब्सिडी की रकम को 1211 से बढ़ाकर 1650 रुपये कर दिया. जिसके तहत किसानों को डीएपी खरीदने के लिए अधिक पैसा नहीं खर्च करना पड़ा रहा है. उन्हें 1200 रुपये में ही 50 किलोग्राम का पैकेट आसानी से मिल रहा है.
अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कीमतों में हुई बढ़ोतरी
अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कीमतों की बढ़ोतरी से खाद के आयात में कमी आई है. यहीं कारण है कि मौजूदा वक्त हालात खराब हो रही है. मिली जानकारी के मुताबिक, भारत में आयातित डीएपी की कीमत इस बार 675 से 680 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गई है, जबकि पिछले साल इस समय खाद का भाव 370 डॉलर था.
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किसानों को मिलेगा सब्सिडी का लाभ
सब्सिडी के लिए किसानों को अब भी डीएपी की एक बोरी के लिए 1200 रुपये ही देने हैं. सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए आपको अपना पहचान पत्र यानि आधार कार्ड या किसान कार्ड देना होगा और बायोमेट्र्रिक (अंगूठे का निशान) से आपकी पहचान के बाद कंपनी के बैंक खाते में सरकार सब्सिडी का 1650 रुपये डीबीटी के माध्यम से जारी करेगी.खाद की आपूर्ति को लेकर एक बार फिर से राज्यों में चिंताजनक स्थिति उत्त्पन हो गई है. फसल की बुवाई के समय खाद नहीं मिलने से किसान परेशान हो रहे हैं.
किसानों का कहना है कि प्रति एकड़ 2 बोरी डीएपी मिलने से आपूर्ति नहीं हो रही है जबकि उन्हें प्रति एकड़ 4 से 5 बोरी तक आवश्यकता है.
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