बीते शुक्रवार को मोदी सरकार ने संसद में अपना अंतरिम बजट पेश किया. बजट को अरुण जेटली की जगह वित्त मंत्रालय संभाल रहे पीयूष गोयल ने पेश किया. बजट में किसानों, मजदूरों और मध्यम वर्ग के लिए कई बड़े घोषणाएं की गई. उन्हीं घोषणाओं में एक घोषणा 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना भी है. जिसके अंतर्गत देश के उन लघु व सीमांत किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6000 रु. की सहायता सीधे चार-चार माह की अंतराल पर तीन किश्तों में उपलब्ध कराई जाएगी. जिनके पास राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों के भू-अभिलेखों में सम्मिलित रूप से 2 हेक्टेयर तक की कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व है.
ताकि कृषि कार्यों में निवेश और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें एक सुनिश्चित आय सहायता प्रदान की जा सके, जिससे वो अपनी समस्याओं को तथा विशेष रूप से फसल चक्र के पश्चात तथा संभावित आय प्राप्त होने से पहले की स्तिथि में होने वाले व्ययों को पूरा कर सके. अब इस योजना को लेकर खबर आई है कि केन्द्र सरकार किसानों को पहली किश्त 31 मार्च तक देगी. इसके लिए केन्द्र सरकार ने किसानों का डाटा इक्ठठा करने लिए सरकार ने pmkisan.nic.in पोर्टल की शुरुआत की है. इस पोर्टल में राज्य फायदा पाने वाले किसानों का डेटा 25 फरवरी तक डाल सकते है. मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक, अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार ने 50 लाख किसानों की लिस्ट दी है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना के लिए लिस्ट तैयार करनी शुरू कर दी है. राज्यों को किसानों के नए फॉर्मेट में डेटा देने होंगे. 25 फरवरी तक लाभार्थी किसानों का डेटा देना अनिवार्य है. मीडिया में आई ख़बरों की माने तो आज कैबिनेट सचिव राज्यों में बैठक करेंगे. http://pmkisan.nic.in/Home.aspx पर जानकारी भरनी होगी.
योजना का लाभ
आपकी जानकारी लिए बता दे कि 'ऐसे किसान जिनके नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में दर्ज हैं, उन्हें ही सालाना 6 हजार नकद मिलेगे. इस तारीख के बाद अगर जमीन की खरीद-बिक्री के बाद जमीन दस्तावेजों में मालिकाना हक का बदलाव हुआ तो अगले 5 साल तक इस योजना का लाभ उन्हें नहीं मिलेगा. हालांकि, अगर अपनों के नाम पर जमीन हस्तांतरण में मालिकाना हक में बदलाव होता है तो वे इस योजना के लिए योग्य माने जाएंगे.
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