कपास की फसल को लेकर किसानों को कुछ न कुछ झेलना पड़ता है! फिर चाहे फसल के मूल्य को लेकर कोई परेशानी हो, निर्यात को लेकर या फिर फसल के नुकसान को लेकर कोई समस्या इन सब का खामियाजा किसान को भरना पड़ता है! इस साल भी महाराष्ट्र सहित कई अन्य राज्य के कपास किसानों के साथ भी यही हो रहा है! महाराष्ट्र कपास उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है! लेकिन इस बार वहां के कपास किसानों पर संकट मंडरा रहा है! इन किसानों की कपास की फसल गुलाबी मक्खी (पिंक बॉलवर्म) के हमले का शिकार हो गई जिससे की किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा.
कपास परामर्श बोर्ड के अनुसार महाराष्ट्र के प्रमुख कपास उत्पादन क्षेत्रों में खड़ी फसलों पर गुलाबी कीट (पिंक बॉलवर्म) के हमले की वजह से राज्य में इस साल कपास किसानों को अपनी उपज में करीब 13 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ सकता है! यवतमाल और जलगांव जिलों में फसल के भारी नुकसान के साथ महाराष्ट्र में औसत कपास उत्पादन में 13 प्रतिशत की गिरावट की आशंका है! महाराष्ट्र का करीब एक-तिहाई कपास क्षेत्र गुलाबी कीटों के हमले से ग्रस्त है! किसानों का कहना है कि आधे से ज्यादा फसल बर्बाद हो चुकी है! कपास किसानों ने फसल के हुए नुकसान पर अपनी चिंता जताई है और नुकसान की भरपाई के लिए बीज कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी है! किसानों ने कीटनाशक कंपनियों पर भी केस दर्ज किया है! कपास परामर्श बोर्ड के मुताबिक, महाराष्ट्र में 2017-18 के सीजन का कपास उत्पादन 344.21 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रहेगा, जो पिछले साल के 395.92 किलोग्राम से कम है! गुलाबी कीट ने महाराष्ट्र के अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना और कर्नाटक में कपास के खेतों पर हमला किया है!
इमरान खान
कृषि जागरण- नई दिल्ली
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