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उर्वरक के अभाव से परेशान किसान, जानिए क्या है हाल

आंध्र प्रदेश में धान उगाने वाले किसानों को उर्वरक की कमी के चलते खेती करने में परेशानी हो रही है, लेकिन विडंबना देखिए कि कृषि मंत्री कुरासला कन्ना बाबू कह रहे हैं कि प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है, लेकिन हकीकत तो यह है कि प्रदेश में धान उगाने वाले किसानों को उर्वरकों के अभाव से मुश्किल हो रही है, लेकिन कृषि मंत्री के उक्त वक्तव्य से किसान भाई निराश हैं. पढ़ें पूरी ख़बर

सचिन कुमार
Paddy Farming
Paddy Farming

आंध्र प्रदेश में धान उगाने वाले किसानों को उर्वरक की कमी के चलते खेती करने में परेशानी हो रही है, लेकिन विडंबना देखिए कि कृषि मंत्री कुरासला कन्ना बाबू कह रहे हैं कि प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है, लेकिन हकीकत तो यह है कि प्रदेश में धान उगाने वाले किसानों को उर्वरकों के अभाव से मुश्किल हो रही है, लेकिन कृषि मंत्री के उक्त वक्तव्य से किसान भाई निराश हैं. पढ़ें पूरी ख़बर

अभी खरीफ सीजन चल रहा है. इस सीजन में किसान भाई बड़े पैमाने पर धान की खेती करते हैं, लेकिन अफसोस इस बार डाय अमोनियम फास्फेट(DAP) उर्वरक के अभाव में उन्हें विभिन प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, मसला महज उर्वरकों के अभाव का होता तो कोई ओर बात होती.

लेकिन यहां तो किसानों की बेहाली की अलग ही कहानी पिछले काफी दिनों से चली आ रही है. मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले काफी दिनों से उर्वरकों को उनकी कीमत से 70 से 80 रूपए अधिक की कीमत पर बेचा जा रहा है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि क्योंकि उर्वरकों की मांग बढ़ गई है,जिनकी पूर्ति करने हेतु इस तरह के कदम उठाए गए हैं.

किसान भाई अधिक कीमत पर उर्वरक खरीदने को भी तैयार हैं, लेकिन उन्हें उर्वरक नहीं मिल रहा है. दरअसल, केंद्र सरकार के अधिकारियों ने कंपनियों को उर्वरकों की कीमत में किसी भी प्रकार का इजाफा नहीं करने का निर्देश दिया था. इसकी जगह कंपनियों को यह सुझाव दिया था कि वे इसके अन्य विकल्पों पर ध्यान दें.

वहीं, कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, किसान प्रति एकड़ ४० किलो डी.ए.पी. उर्वरक का उपयोग करते हैं. धान की रोपाई कृष्णा पूर्वी डेल्टा और गोदावरी डेल्टा में लगभग हो चुकी है.

वहीं, कुछ इलाकों में अभी-भी धान की रोपाई का सिलसिला जारी है. सरकार ने इस बार प्रदेश में 15.99 लाख हेक्टेयर धान की रोपाई का लक्ष्य निर्धारित किया है. वहीं, 1 सितंबर तक 12.19 लाख हेक्टेयर तक धान की रोपाई हो चुकी है.

लेकिन इस बीच जिस तरह से किसान भाइयों को उर्वरकों के अभाव का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में इस लक्ष्य की राह में रोड़े नजर आ रहे हैं. अब सरकार आगे चलकर क्या कुछ कदम उठाती है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.

कृषि जगत से जुड़ी हर बड़ी ख़बर से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिएं ...कृषि जागरण.कॉम

English Summary: Farmers suffering due to lack of fertilizers, no one is there to listen Published on: 06 September 2021, 06:50 PM IST

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